Navratri 2025 Kanya Pujan: कन्या पूजन में इन गलतियों को करने पर नहीं मिलता देवी पूजा का पुण्यफल 

Navratri 2025 Kanya Pujan dos and don'ts: नवरात्रि की महाअष्टमी और महानवमी पर जिस कन्या पूजन से शक्ति साधना के 09 दिनों का पुण्यफल प्राप्त होता है, उसमें आखिर किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए? देवी समान कन्याओं की पूजा से जुड़े नियम और उपाय के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें ये लेख. 

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Navratri 2025

Navratri Maha Ashtami 2025 Kanya Pujan: शक्ति साधना के महापर्व नवरात्रि के आखिरी दो दिन महाअष्टमी और महानवमी के दिन कन्या पूजन का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन 02 साल से 10 साल की कन्याओं को भगवती दुर्गा का दिव्य स्वरूप मानकर उनका विशेष पूजन किया जाता है. मान्यता यह भी है कि नवरात्रि की देवी साधना कन्या पूजन और हवन के बाद ही पूर्ण होती है. यही कारण है कि शक्ति के साधक महाअष्टमी और नवमी तिथि पर बड़ी आस्था के साथ देवी समान कन्याओं का आदर और सम्मान करते हुए उनका विधि-विधान से पूजन करते हैं. आइए जानते हैं कि कन्या पूजन के दिन हमें क्या करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है और क्या करने जाने-अनजाने दोष लगता है. 

कन्या पूजन में न करें ये गलतियां 

  • कन्या को घर में बुलाएं तो कभी भी जमीन पर बिठाकर उनका पूजन न करें. 
  • कन्याओं को हमेशा सात्विक चीजें ही खाने के लिए दें. 
  • किसी भी कन्या को भोग खाने की जबरदस्ती नहीं करना चाहिए. उन्हें उनके मन अनुसार ही भी भोग प्रसाद प्रदान करें. 
  • पूजन के दौरान किसी भी कन्या का अपमान या फिर उसे दुखी करने की गलती न करें. 
  • कन्या पूजन के लिए बुलाने के लिए जाति, वर्ग या गरीब-अमीर आदि का भेद न करें. सभी कन्याओं का समान भाव से पूजन करें. 

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  • पूजन के बाद कभी भी कन्यओं को काले वस्त्र, रुमाल या काले रंग की वस्तु उपहार में न दें. 
  • कन्याओं को उपहार में चमड़े से बनी वस्तु और लोहे से बने बर्तन नहीं देना चाहिए. इसकी बजाय धन देना श्रेयस्कर रहता है. 
  • कन्याओं के जाने के तुरंत बाद घर की सफाई नहीं करनी चाहिए. 

कन्या पूजन में क्या करें 

  1. कन्या पूजन के लिए कन्याओं को आदर के साथ अपने घर में बुलाएं और पूजन के बाद आदर के साथ विदा करें. 
  2. यदि 09 कन्या एक साथ न मिले तो आप जितनी भी कन्या मिल जाएं उनका पूजन करें और बाकी के लिए भोग, दक्षिणा आदि निकाल कर रख दें और बाद में उसे जो भी कन्या मिले उसे देकर आशीर्वाद लें. 
  3. कन्या के घर में आने पर उनके पैर धोएं और उन्हें पवित्र स्थान पर आसन में बिठाएं. 
  4. 09 कन्याओं के सा​थ एक बटुक भैरव के रूप में किसी छोटे बालक को भी बुलाकर जरूर पूजा करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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