Navratri 2025 Day 8 Maa Mahagauri: नवरात्रि के आठवें दिन कैसे करें मां महागौरी की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र, कथा और धार्मिक महत्व

Navratri 2025 Day 8 Maa Mahagauri: नवरात्रि के आठवें दिन देवी भगवती के आठवें स्वरूप यानि महागौरी की पूजा का विधान है. हिंदू मान्यता के अनुसार देवी दुर्गा के महागौरी की पूजा सभी कामनाओं को पूरा करने वाली मानी गई है. महागौरी की पूजा विधि, मंत्र, कथा और धार्मिक महत्व को जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

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Maa Mahagauri: मां महागौरी की पूजा की पूजा विधि, मंत्र, और धार्मिक महत्व

Shardiya Navratri 2025 Day 8 Maa Mahagauri: नवरात्रि के दिनो में देवी पूजा के लिए महाअष्टमी तिथि बेहद शुभ और मंगलदायी मानी गई है क्योंकि इस दिन देवी भगवती के आठवें स्वरूप यानि मां महागौरी की पूजा होती है. हिंदू मान्यता के अनुसार माता का यह दिव्य स्वरूप अत्यंत ही तेजवान है और इनकी पूजा सबसे जल्दी फलदायी होती है. मां महागौरी भगवान महादेवी की अर्धांगिनी के रूप में भी पूजी जाती है. मान्यता है​ कि जो कोई साधक मां महागौरी की पूजा सच्चे मन से करता है, उस पर देवी प्रसन्न होकर अपनी कृपा लुटाती हैं. देवी के साधक को सभी प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है. आइए नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजाा की विधि और मंत्र आदि के बारे में जानते हैं. 

कैसा है मां महागौरी का स्वरूप 

हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि की आठवें दिन की देवी महागौरी की चार भुजाएं हैं, जिनमें से दो भुजाएं आशीर्वाद मुद्रा में तो दो भुजाओं में उन्होंने शस्त्र थामे हुए हैं. देवी का रंग सफेद है, जो देखने में काफी आकर्षण और तेजवान लगता है. सफेद रंग के वस्त्र को धारण करने वाली मां महागौरी वृषभ की सवारी करती हैं.

मां महागौरी की पूजन विधि

नवरात्रि के आठवें दिन देवी दुर्गा के साधक को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए. इसके बाद साधक को मां महागौरी के व्रत और पूजन का संकल्प करना चाहिए. फिर घर के ईशान कोण में देवी का चित्र या मूर्ति रखकर उसे पवित्र जल से स्नान कराना चाहिए. इसके बाद माता को सफेद पुष्प अर्पित करना चाहिए. फिर देवी को धूप-दीप, चंदल-रोली, फल-मिठाई आदि अर्पित करते हुए माता के मंत्र का जप और उनके स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. 

प्रार्थना मंत्र

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः.
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा.
देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:.

स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:.

जप मंत्र 

ॐ देवी महागौर्यै नमः.
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम:.

मां महागौरी की कथा 

हिंदू मान्यता के अनुसार जब देवी सती भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठिन तप कर रही थीं तो उनके पूरे शरीर पर मिट्टी जमा हो गई थी. इसके बाद जब महादेव ने उन्हें प्रसन्न होकर अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का आशीर्वाद दिया तो देवी ने गंगाजल में स्नान किया और उसके बाद उनका स्वरूप अत्यंत ही तेजवान दिखने लगा. माता के उस गौर वर्ण रूप को देखकर महादेव ने उन्हें महागौरी कहा. तब से भक्तगण आज तक उन्हें महागौरी के नाम से पूजते हैं. 

मां महागौरी की पूजा का उपाय 

हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के आठवें दिन की देवी मां महागौरी की पूजा में जो भक्त उनकी प्रिय चीजें चढ़ाता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. देवी महागौरी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन साधक को माता की पूजा में सफेद फूल जैसे रात की रानी का पुष्प आदि चढ़ाना चाहिए. इसी प्रकार माता के प्रिय भोग में भी नारियल चढ़ाकर देवी का आशीर्वाद मांगना चाहिए. मान्यता है कि मां महागौरी को नारियल और नारियल से बना भोग प्रसाद बहुत प्रिय है. यदि आप चाहें तो अष्टमी के दिन मां महागौरी को खीर भी बनाकर खिला सकते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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