Maha Navami 2022: महा नवमी पर इन शुभ मुहूर्तों में करें कन्या पूजन, जानें सही विधि

Maha Navami Kanya Pujan 2022: शारदीय नवरात्रि की महा नवमी आज है. इस दिन कन्या पूजन का विधान है. ऐसे में जानते हैं कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त और विधि.

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Maha Navami 2022 Kanya Pujan Vidhi: शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि आज है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की 9वीं तिथि को महा नवमी कहा जाता है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इसके बाद हवन और कन्या पूजन के पश्चात् नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है. नवमी तिथि पर कन्या पूजन खास विधि और शुभ मुहूर्त में किया जाना शुभफलायी होता है. आइए जानते हैं कि नवरात्रि के नवमी तिथि पर कन्या पूजन कैसे करें और इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त कौन-कौन से हैं.

आज इतने बजे तक है नवमी तिथि | Kanya Pujan Shubh Muhurat

हिंदू पंचांग के अनुसार, आज नवमी तिथि दोपहर 2 बजकर 20 मिनट तक है. बता दें कि नवमी तिथि की शुरुआत 3 अक्टूबर को दोपहर 4 बजकर 37 मिनट से आरंभ है. 

महा नवमी पर बने रहे हैं शुभ योग | Maha Navami Shubh Muhurat

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आज महा नवमी पर सुकर्मा योग का खास संयोग बन रहा है. इसके साथ ही रवि योग आज पूरे दिन है. सुकर्मा योग 4 अक्टूबर को यानी आज 11 बजकर 23 मिनट से शुरू हो रही है. ये दोनों ही शुभ योग आज की पूजा के लिए बेहद खास माने जा रहे हैं.

इन महूर्तों में ना करें कन्या पूजन

  • राहुकाल- 03:07 पी एम से 04:35 पी एम
  • यमगण्ड- 09:13 ए एम से 10:41 ए एम
  • गुलिक काल- 12:10 पी एम से 01:38 पी एम
  • दुर्मुहूर्त- 08:37 ए एम से 09:24 ए एम

महानवमी 2022 कन्या पूजन विधि | Maha Navami Kanya Pujan Vidhi

महा नवमी पर कन्या पूजन विशेष फलदायी साबित होती है. कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं और एक बटुक भैरव (बालक) को निमंत्रण दें. कन्या पूजन के दिन कन्याओं को मां का स्वरूप और लड़के को भैरव का स्वरूप मानकर पूजा की जाती है.

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अगर कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं की व्यवस्था ना हो सके तो इस निमित्ति जो जितनी कन्या उपलब्ध हो सके उन्हें निमंत्रित कर उनका पूजन करें. बाकी कन्याओं के निमित्त का भोजन गाय को दे दें. 

कन्या पूजन के लिए सबसे पहले कन्याओं और बटुक को साफ पानी से उनके पैर धोएं. इसके बाद उन्हें उचित स्थान पर बिठाएं. 

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इसके बाद सभी कन्याओं और बटुकों को को तिलक लगाएं. 

इसके बाद कन्याओं और भैरव स्वरूप लड़के की आरती करें. 

कन्याओं को श्रद्धापूर्वक भोजन कराएं. कन्याओं को भोजन कराने से पहले मां सिद्धिदात्री को भोग अवश्य लगाएं.

कन्याएं जब भोजन कर लें तो फिर उन्हें प्रसाद के रूप में फल दें और अपनी क्षमता के अनुसार दक्षिणा प्रदान करें. उन्हें वस्त्र भी भेंट कर सकते हैं. 

कन्या पूजन के बाद सभी कन्याओं और भैरव स्वरूप लड़के के पैर छूकर आशीर्वाद लें. 

इसके बाद सभी कन्याओं को सम्मानपूर्वक विदा करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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