Narak Chaturdashi 2022: कब है नरक चतुर्दशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Narak Chaturdashi 2022 Date: कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के साथ-साथ यमराज की पूजा होती है.

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Narak Chaturdashi Date 2022: नरक चतुर्दशी इस साल 24 अक्टूबर को पड़ रही है.

Narak Chaturdashi 2022 Date, Shubh Muhurat, Puja Vidhi: नकर चतुर्दशी धनतेरस के अगले दिन मनाई जाती है. पौराणिक और धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन यमराज की पूजा होती है. इसे नरक चौदस या रूप चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है. नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) के दिन यमराज के अलावा इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और मां काली की भी पूजा होती है. पंचांग के अनुसार, इस बार नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi Date 2022) 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार नरक चतुर्दशी हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. नरक चतुर्दशी की कथा (Narak Chaturdashi Katha) के अनुसार, इस दिन श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था. भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद से जिस दिन नरकासुर का वध किया था, उस दिन नरक चतुर्दशी थी. यही वजह है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा होती है. आइए जानते हैं कि साल 2022 में नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन की पूजा विधि क्या है.

नरक चतुर्दशी 2022 शुभ मुहूर्त | Narak Chaturdashi 2022 Shubh Muhurat

नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार, साल 2022 में कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 24 अक्टूबर, को शाम 06 बजकर 03 मिनट से शुरू हो रही है. वहीं चतुर्दशी तिथि की समाप्ति 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 27 मिनट पर होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार नरक चतुर्दशी 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी.

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नरक चतुर्दशी 2022 पूजा विधि | Narak Chaturdashi 2022 Puja Vidhi

नकर चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान आदि कर्म से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद घर के पूजा स्थल को साफ-सुथरा करें. फिर ईशान कोण में भगवान गणेश, मां दुर्गा, शिवजी, सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा करें. नकर चतुर्दशी के दिन षोडशोपचार पूजा का विधान है. ऐसे में इस दिन सभी देवी-देवताओं का षोडशोपचार पूजन करें. देवी-देवताओं के सामने घी का दीपक जलाएं. इसके साथ ही इस दिन प्रदोष काल के समय मुख्य द्वार या आंगन में भी एक दीपक जलाएं. इसके अलावा इस दिन यमदेव के नाम से दीपक जलाने का भी विधान है. ऐसे में उनके निमित्त एक दीया जरूर जलाएं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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