Mokshda Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में हर एकादशी का व्रत रखना बहुत शुभ माना जाता है. एकादशी यानी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का ग्यारहवां दिन. इस हिसाब से एकादशी प्रत्येक माह में दो बार आती है. देखा जाए तो पूरे साल में 24 बार अलग-अलग एकादशी आती हैं जिनमें से एक होती है मोक्षदा एकादशी. मोक्षदा एकादशी हर साल मार्गशीष माह में आती है. इस हिंदू माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी ही मोक्षदा एकादशी होती है. जैसा कि इसके नाम से ही जाहिर होता है मोक्षदा एकादशी का अर्थ ही होता है मोक्ष (Moksha) का दान करने वाली एकादशी. ये मान्यता है कि जो लोग मोक्षदा एकादशी पर उपवास रखते हैं ऐसे लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मोक्षदा एकादशी से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार जो लोग हर साल मोक्षदा एकादशी पर उपवास रखते हैं उन्हें सभी पापों से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा पूर्वजों को भी स्वर्ग प्राप्ति की राह आसान होती है. इसके अलावा एक मान्यता महाभारत से जुड़ी है. ये माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान कृष्ण (Lord Krishna) ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. इसी वजह से मोक्षदा एकादशी का महत्व बढ़ जाता है. मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती (Gita Jayanti) मनाने की भी परंपरा है. चलिए जानते हैं मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त.
मोक्षदा एकादशी शुरू होने का समय- 03 दिसंबर 2022 को सुबह 05 बजकर 39 मिनट
मोक्षदा एकादशी खत्म होने का समय- 04 दिसंबर 2022 को सुबह 05 बजकर 34 मिनट
व्रत पारण का समय- 04 दिसंबर को दोपहर 01 बजकर 14 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 09 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 48 मिनट तक
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)