Masik Shivratri 2022: मासिक शिवरात्रि आज, जानें शुभ मुहूर्त पूजा विधि

Masik Shivratri 2022: मासिक शिवरात्रि (MasiK Shivratri) 29 अप्रैल को यानी आज है. पंचांग के मुताबिक वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (Masik Shivratri) तिथि की शुरुआत 29 अप्रैल को 12.26 एएम से हो रही है. वहीं इस तिथि का समापन 30 अप्रैल को 12.57 एएम पर होगा.

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MasiK Shivratri 2022: वैशाख कृष्ण पक्ष की मासिक शिवरात्रि (MasiK Shivratri) 29 अप्रैल को यानी आज है. पंचांग के मुताबिक वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (Masik Shivratri) तिथि की शुरुआत 29 अप्रैल को 12.26 एएम से हो रही है. वहीं इस तिथि का समापन 30 अप्रैल को 12.57 एएम पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत 29 अप्रैल को यानी आज रखा जाएगा. साथ ही इस दौरान शिवजी की पूजा की जाएगी. इसके अलावा इस बार मासिक शिवरात्रि (MasiK Shivratri) पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग का शुभ संयोग बर रहा है. आइए जानें मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त (MasiK Shivratri Shubh Muhurat) और पूजा विधि (Puja Vidhi) के बारे में.

मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त ( (MasiK Shivratri Shubh Muhurat)


पंचांग (Panchang) के मुताबिक मासिक शिवरात्रि (MasiK Shivratri) पर आज पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvarth Siddhi Yoga) रहेगा. ऐसे में सुबह से रात्रि प्रदोष प्रहर तक भगवान शिव की पूजा (Shiv Puja Vidhi) कर सकते हैं. साथ ही प्रीति योग शाम को 4 बजकर 45 मिनट से शुरू हो रहा है. इसके अलावा अमृत योग सुबह 5 बजकर 42 मिनट से शाम 6 बजकर 43 मिनट तक है. मासिक शिवरात्रि (MasiK Shivratri) के लिए रात्रि प्रहर की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक है.  

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (MasiK Shivratri Puja Vidhi)


-सुबह स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करें. इसके बाद मासिक शिवरात्रि व्रत और पूजा का संकल्प लें. 

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-आज मासिक शिवरात्रि पर किसी भी वक्त पूजा की जा सकती है, क्योंकि पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है. मान्यतानुसार भगवान शिव की पूजा में राहु काल नहीं देखा जाता है. 

-भगवान शिव की पूजा के क्रम में सबसे पहले गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद शिवजी को सफेद चंदन लगाएं. इसके बाद बेलपत्र, फूल, माला, भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें. 

-भगवान शिव की पूजा में कुमकुम, सिंदूर, हल्दी, तुलसी का पत्ता, नारियल और शंख इत्यादि का इस्तेमाल वर्जित माना गया है. ऐसे में इनका इस्तेमाल ना करें. 

-भगवान शिव की पूजा के बाद माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी की पूजा करें. इसके बाद शिव चालीसा और मासिक शिवरात्रि व्रत कथा का पाठ करें. फिर भगवान की आरती करें. 

-भगवान शिव और उनके परिवार के सभी सदस्यों की पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें. उसके बाद किसी ब्रह्मण को अन्न, वस्त्र, फल आदि का दान कर सकते हैं. 

-मासिक शिवरात्रि व्रत का पारण अगले दिन यानि 30 अप्रैल को किया जाएगा. ऐसे में पारण के बाद शिवरात्रि व्रत को पूरा करें. इसके बाद भगवान से अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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