Masik Krishna Janmashtami: कब है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, जानिए इस व्रत का महत्व

Masik Krishna Janmashtami Date: मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की पूरे मनोभाव से पूजा की जाती है. जानिए इस महीने कब रखा जाएगा यह व्रत. 

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Lord Krishna Puja: हर महीने रखा जाता है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत. 

Masik Krishna Janmashtami 2024: पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का धरती पर अवतरण हुआ था. इस दिन को हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. वहीं, इस चलते हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर भी पूरे मनोभाव से भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) का पूजन होता है. भक्त अपने आराध्य कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए इस दिन व्रत रखते हैं और पूजा संपन्न करते हैं. जानिए इस महीने किस दिन पड़ रही है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, क्या है इस व्रत का महत्व और कौनसे योग बनने जा रहे हैं. 

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मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कब है | Masik Krishna Janmashtami Date 

इस महीने पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 नवंबर, शुक्रवार शाम 6 बजकर 7 मिनट पर शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 23 नवंबर की शाम 7 बजकर 56 मिनट पर हो जाएगा. भगवान श्रीकृष्ण का पूजन निशिता काल में किया जाता है इस चलते मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत (Masik Krishna Janmashtami Vrat) 22 नवंबर के दिन ही रखा जाएगा और इसी दिन जगत के पालनहार श्रीकृष्ण की पूजा संपन्न की जाएगी. 

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व 

मान्यतानुसार मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा करने पर जातक को यश, कीर्ति, ऐश्वर्य, पराक्रम, धन, संपन्नता, संतान, वैभव, सौभाग्य, दीर्घायु और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा संपन्न करने पर व्यक्ति की सभी इच्छाएं भी पूरी हो जाती हैं. ऐसे में इस व्रत को रखना अत्यधिक शुभ माना जाता है. 

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बन रहे हैं शुभ योग

इस महीने मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर कुछ शुभ योग भी बनने जा रहे हैं. इस दिन रवि योग का निर्माण होने जा रहा है. इसके साथ ही दुर्लभ ब्रह्म योग बनेगा. यह शुभ संयोग सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर होने वाला है. इसके अलावा इंद्र योग भी बनने वाला है. ब्रह्म योग और इंद्र योग को अत्यधिक शुभ माना जाता है. कहते हैं इन योगों के निर्माण से पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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