Margashirsha Amavasya Ka Daan Kya Hota Hai: हिंदू धर्म में किसी भी मास में पड़ने वाली अमावस्या को स्नान-दान और पूजा आदि के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है. इसका महत्व तब और भी ज्यादा बढ़ जाता है जब यह मार्गशीर्ष यानि अगहन मास में पड़ती है. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या 19 अक्टूबर 2025 की सुबह 09:43 बजे से प्रारंभ होकर 20 नवंबर 2025 को 12:16 बजे तक रहेगी. ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या का यह पर्व दोनों दिन मनाया जाएगा.
हिंदू मान्यता के अनुसार जब दो दिन अमावस्या तिथि रहती है तो पहले दिन पितरों के लिए विशेष पूजा यानि श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि कर्म करना फलदायी होता है तो वहीं दूसरा दिन स्नान-दान आदि के लिए उत्तम माना गया है. आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष यानि अगहन अमावस्या के दिन श्रद्धा के साथ किन चीजों का दान करने पर व्यक्ति का कल्याण होता है.
मार्गशीर्ष अमावस्या अन्न दान का महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार कलयुग में किसी भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाना अत्यंत ही पुण्यदायी कार्य माना गया है. ऐसे में अगहन अमावस्या के दिन व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार अन्न, सब्जी, फल और जल आदि का दान करना चाहिए. यदि आप इन चीजों का दान न करें सकें तो इसके निमित्त धन का दान करें. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन तिल व तेल का दान करना विशेष फलदायी माना गया है.
अगहन अमावस्या पर इन कपड़ों का करें दान
हिंदू मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या के समय व्यक्ति को जरूरतमंद व्यक्तियों को काले रंग के कपड़े, काला कंबल, काला छाता, काले जूते आदि का दान करना चाहिए. मान्यता है कि सर्दी के समय इन चीजों का दान करने से व्यक्ति को न सिर्फ पुण्यफल की प्राप्ति होती है बल्कि शनि संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं.
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अगहन अमावस्या पर कहां करें दीपदान
हिंदू मान्यता के अनुसार अगहन अमावस्या पर किसी जल तीर्थ, जल स्थान, देव स्थान और पवित्र पेड़ों जैसे पीपल, तुलसी आदि के नीचे दीपदान करने का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. मान्यता हैकि अमावस्या के दिन दीपदान के उपाय से व्यक्ति के कष्ट दूर और कामनाएं पूरी होती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)














