Mauni Amavasya mantra 2025 : हिन्दू धर्म में माघ माह की मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना और जरूरतमंद को दान करना फलदायी माना जाता है. इस दिन पितर तर्पण और पिंडदान करने का भी विधान है. धार्मिक मान्यता है मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से पितर दोष से मुक्ति मिलती है. वहीं, इस दिन कुछ विशेष प्रकार के मंत्र जपने और उपाय करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है. ऐसे में आइए जानते हैं मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त, मंत्र और उपाय.
Mauni amawasya 2025 : मौनी अमावस्या पर कब तक रहेगा राहुकाल और चौघाड़िया मुहूर्त, जानें यहां
मौनी अमावस्या पर मंत्र - Mantras on Mauni Amavasya
ॐ पितृभ्यः स्वाहा
ॐ सर्वे देवाः स्वाहा
ॐ लक्ष्म्यै नमः
ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:.
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा.
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः।
ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ।
आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि। यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त - Mauni Amavasya auspicious time
माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 28 जनवरी को रात 7 बजकर 35 मिनट से आरंभ होगी और अगले दिन यानी 29 जनवरी को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर अमावस्या तिथि का समापन हो जाएगा.
मौनी अमावस्या पर स्नान दान मुहूर्त - Snan dan muhurat on Mauni Amavasya 2025
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 5 बजकर 25 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक
प्रात: सांध्या - सुबह 5 बजकर 25 मिनट से सुबह 7 बजकर 11 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 2 बजकर 22 मिनट से शाम 3 बजकर 5 मिनट तक रहेगा.
गोधूलि मुहूर्त - शाम 5 बजकर 55 मिनट से 6 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.
अमृत काल मुहूर्त - 9 बजकर 19 मिनट से 10 बजकर 51 मिनट तक रहेगा.
मौनी अमावस्या उपाय - Mauni amavasya upay
इस दिन तुलसी पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है. शाम के समय तुलसी पौधे के सामने दीया जलाएं और कच्चा दूध अर्पित करें. इससे आपको शुभ फल मिलेगा.
इस दिन पीपल की पूजा करने से और उसके नीचे दीपक जलाने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही पितर दोष से भी मुक्ति मिलती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)