Mangalvar Hanuman Ji Mantra: मंगलवार को बजरंगबली के इन मंत्रों का करें जाप, जीवन में आ सकती है सुख-समृद्धि

Hanuman Ji Mantra: मंगलवार का दिन भगवान हनुमान का दिन माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार का दिन बहुत ही कल्याणकारी और शुभ माना गया है. हर रोज सुबह-शाम बजरंगबली के इन मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए. माना जाता है कि इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं.

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Mangalvar Hanuman Ji Mantra: हर संकट से बचाएंगे हनुमान जी के ये पावरफुल मंत्र
नई दिल्ली:

मंगलवार का दिन बजरंगबली को समर्पित होता है. मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी की पूजा-अर्चना का करना बहुत ही कल्याणकारी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री हनुमान अपने भक्तों की सुध लेते है और कृपा बरसाते हैं. भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार हनुमान जी को हिंदू धर्मशास्त्रों में चिरंजीवी माना गया है. वहीं इन्हें कलयुग का देवता भी माना जाता है. मान्यता के अनुसार श्रीराम जी के भक्त हनुमान जी भी भोलेनाथ की तरह ही अत्यंत सरल व सहज हैं और ये अपने भक्तों की पूरी तरह से रक्षा करते हैं. इन्हें मारुत नंदन, बजरंगबली, हनुमान जी, संकट मोचन, पवनसुत आदि नामों से जाना जाता है.

आज मंगलवार को करें हनुमान लला की ये आरती, दूर हो सकती हैं जीवन की सारी बाधाएं

मंगलवार का दिन भगवान हनुमान का दिन माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार का दिन बहुत ही कल्याणकारी और शुभ माना गया है. हर रोज सुबह-शाम बजरंगबली के इन मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं.

बजरंगबली की पूजा के समय इन मंत्रों का करें जाप

 ॐ हं हनुमते नम:।

 ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा।

 ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।

ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।

ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।

दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।

और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।

हनुमान बीज मंत्र – ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नम:

हनुमान अष्टदशाक्षर मंत्र – नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा.

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा.

मनोजवं मारुतुल्यवेगं जितेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्. वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये.

ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय.

ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा.

नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः

मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन.

ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमंते, टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा ।।

ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिमुखाय गरुडानना, मं मं मं मं मं सकल विषहराय स्वाहा।।

ॐ हं हनुमंते रुद्रात्मकाय हुं फट्.

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार।

बरनौ रघुवर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।

बुद्धिहीन तनु जानि के, सुमिरौ पवन कुमार ।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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