Malmas 2023: बीते दिन से यानी 18 जुलाई से मलमास की शुरूआत हो चुकी है और आने वाले 16 अगस्त तक मलमास का महीना चलेगा. मलमास को अधिकमास (Adhukmas) और पुरषोत्तम मास भी कहा जाता है. यह वह समय है जब किसी भी तरह के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है. इसके अतिरिक्त मलमास में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है. यहां कुछ ऐसे ही कामों बारे में बताया जा रहा है जिन्हें करने से मना किया जाता है. मलमास भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित होता है और इस महीने की गईं गलतियां भगवान विष्णु को नाराज कर सकती हैं. ऐसे में भक्त इन जरूरी बातों कों ध्यान में रखते हैं.
मलमास में ना करने वाली गलतियां
मांगलिक कार्य वर्जितमलमास के दौरान मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन, नामकरण, तिलक और सगाई नहीं करनी चाहिए. इसके साथ ही, भूमि, मकान, नए कपड़े और दुकान आदि खरीदने से परहेज करना चाहिए.
मलमास में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है जिसमें तुलसी (Tulsi) का विशेष इस्तेमाल होता है. इसीलिए तुलसी के पत्ते तोड़े जाते हैं. परंतु तुलसी के पत्ते तोड़ते हुए सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है. तुलसी के पत्तों को नाखून के सहारे नहीं तोड़ा जाता है बल्कि अगूंठे या उंगली से पत्ते तोड़ते हैं. साथ ही, पत्तों को झटके से या फिर तेज-तेज नहीं तोड़ना चाहिए बल्कि इन्हें बेहद आारम से तोड़ा जाता है. शाम के समय तुलसी के पत्ते तोड़ना और तुलसी को स्पर्श करना, दोनों ही वर्जित होता है.
एकादशी (Ekadashi) या फिर मलमास में रविवार के दिन तुलसी के पौधे पर जल नहीं चढ़ाया जाना चाहिए. इस दौरान तुलसी पर जल अर्पित करना अशुभ होता है. कहते हैं इस दिन माता तुलसी श्रीकृष्ण के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. भक्त यदि तुलसी पर जल चढ़ाते हैं तो तुलसी माता का उपवास टूट सकता है.
मलमास में तामसिक भोजन जैसे प्याज, मांस, मंछली और लहसुन नहीं खाया जाता है. इसके अलावा, उड़द की दाल, मसूर, मूली, साग और सरसों का सेवन ना करने की सलाह दी जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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