Maha Kumbh 2025: इस वर्ष का महाकुंभ मेला संगम नगरी प्रयागराज में लगने वाला है. प्रयागराज (Prayagraj) में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम पर महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू होगा. धर्म और आस्था का सबसे बड़ा मेला महाकुंभ 12 साल के बाद लगता है और इसमें देशभर से साधु संतों के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं. मान्यता है कि कुंभ स्नान (Kumbh Snan) करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन भर के पापों से मुक्ति मिल जाती है. अनुमान है कि इस साल महाकुंभ मेले में लगभग 40 करोड़ लोग आस्था की डुबकी लगाएंगे.
महाकुंभ मेला 45 दिन चलेगा और इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण शाही स्नान की तिथियां होती हैं. उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से मेले को लेकर पूरी तैयारियां की गई हैं. प्रशासन की ओर से मेला क्षेत्र में व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कुछ नियम (Kumbh Rules) बनाए गए है. आइए जानते हैं महाकुंभ मेले में उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से क्या नियम बनाए गए हैं.
मेला क्षेत्र के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के नियम
इन चीजों को लेकर न जाएंउत्तर प्रदेश सरकार के नियम के अनुसार, श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में कीमती सामान, अनावश्यक भोजन सामग्री और कपड़े ले जाने की मनाही की गई है. मेले में भीड़भाड़ के कारण कीमती सामान के खोने का डर रहता है. अनावश्यक भोजन सामग्री के कारण मेला क्षेत्र में गंदगी फैलने का खतरा रहता है.
अनजान लोगों पर न करें भरोसासरकार ने श्रद्धालुओं से मेले में अनजान लोगों से सावधान रहने और उन पर भरोसा नहीं करने के लिए कहा है. मेले में खो जाने या कोई अन्य परेशानी आने पर प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था से ही मदद लेने की अपील की गई है.
सरकार की ओर से श्रद्धालुओं को नदी में स्नान (Snan) के दौरान तय की गई सीमा से आगे नहीं जाने के नियम का पालन करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही मेले में साथियों को भड़काकर अनावश्यक संघर्ष को बढ़ावा देने की सख्त मनाही है.
नदी में साबुन का उपयोगप्रशासन की ओर से स्नान के दौरान और कपड़े धोने के लिए किसी भी प्रकार के साबुन या डिटर्जेंट का उपयोग करने की सख्त मनाही है.
मेला क्षेत्र में नदी में पूजन सामग्री फेंकने पर भी सख्त मनाही है. नदी में पूजा के दौरान उपयोग किए गए फूल पत्ती व अन्य सामग्री प्रवाहित करने पर भी रोक लगाई गई है.
रहें भीड़ से दूरप्रशासन की ओर से ऐसे लोग जो इंफेक्शन वाली बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें भीड़भाड़ और मेला क्षेत्र से दूर रहने को कहा गया है.
प्रयाग शहर और मेला क्षेत्र में प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग पर रोक लगाई गई है. इसके साथ ही खुले में शौच करने की भी मनाही है.
नियमों का करें पालनमहाकुंभ मेले में किसी तरह की परेशानी से बचने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बनाए गए इन नियमों का पालन जरूर करें. ये सभी नियम लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं. इनका पालन करने से मेले में सभी को कई तरह की परेशानियों से बचने में मदद मिलेगी.
13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा का शाही स्नान
14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का शाही स्नान
29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या का शाही स्नान
3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी का शाही स्नान
12 फरवरी को माघ पूर्णिमा का शाही स्नान
26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व का शाही स्नान
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)