Maihar Devi Temple: कहां है मां शारदा का शक्तिपीठ? जहां दर्शन मात्र से मिलता है बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद

Maa Sharada Ka Mandir: शारदीय नवरात्रि में जिन तीन महाशक्तियों की पूजा की जाती है, उनमें मां सरस्वती का विशेष स्थान है. मां शारदा के नाम से भी पूजी जाने वाले मां सरस्वती का पावन धाम कहां पर है और देवी के इस पावन स्वरूप की पूजा करने पर किस पुण्यफल की प्राप्ति होती है, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

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Maa Sharda Devi Shakti Peeth, Maihar: मां शारदा देवी का मैहर धाम जहां गिरा था सती का हार

Maa Sharda Devi Shakti Peeth, Maihar: नवरात्रि के पावन पर्व में देश भर में उन सभी शक्तिपीठों पर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है जहां पर माता सती के शरीर के अंग या फिर उनके श्रृंगार के सामान गिरे थे. मध्य प्रदेश के मैहर में एक ऐसा ही शक्तिपीठ है, जहां न सिर्फ नवरात्रि बल्कि पूरे साल बड़ी संख्या में भक्तगण दर्शन और पूजन के लिए पहुंचते हैं. मैहर वाली माता या फिर कहें शारदा मां का यह मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है. पौराणिक मान्यता के अनुसार देवी के इसी धाम पर कभी माता का हार गिरा था. आइए बुद्धि की देवी मानी जाने वाली मां शारदा के इस पावन धाम के बारे में विस्तार से जानते हैं. 

शारदा माता के मंदिर का धार्मिक इतिहास 

हिंदू मान्यता के अनुसार एक समय में आल्हा व ऊदल नाम के भाई मां शारदा के बड़े उपासक माने जाते थे. लोकपरंपरा के अनुसार आल्हा व ऊदल देवी को प्रसन्न करने के लिए अपनी जीभ काटकर चढ़ा दी थी, जिसके बाद देवी ने न सिर्फ उनकी जीभ वापस कर दिया बल्कि उन्हें अमरत्व का वरदान दिया था. मान्यता है कि आज भी देवी के इस मंदिर में सबसे पहले वही आकर पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस पावन धाम की खोज भी उन्होंने ही घने जंगलों के बीच की थी. 

मां शारदा के संग इन देवी-देवताओं के होते हैं दर्शन

त्रिकूट पर्वत के टॉप पर बने इस मंदिर में जाने पर आपको भगवान कालभैरव के साथ नरसिंह भगवान, बजरंगबली, मां काली, गौरीशंकर, मरहीमाता, शेषनाग, देवी दुर्गा और जालप्पा देवी की प्रतिमाओं के दर्शन करने को मिलते हैं. मंदिर प्रांगण में एक बड़ा यज्ञकुंड भी है, जहां पर आप अपने परिवार के साथ यज्ञ-हवन कर सकते है.

मैहर वाली देवी की पूजा के लाभ

मां शारदा के इस शक्तिपीठ के बारे में मान्यता है कि यहां दर्शन करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं. यही कारण है कि लोग हर छोटे-बड़े मंगल कार्य को करने से पहले माता का आशीर्वाद लेने उनके दरबार पर जरूर पहुंचते हैं. स्थानीय लोग मां शारदा का मैहर वाली माता के नाम से बुलाते हैं. मान्यता है कि एक समय माई का हार पुकारा जाने वाला यह मंदिर अब मैहर के नाम जाना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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