आषाढ़ मास की कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी है आज, जानिए किस तरह करें गणपति बप्पा की पूजा 

Krishnapingala Sankashti Chaturthi: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का व्रत आषाढ़ मास में रखा जा रहा है. इस व्रत की हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक मान्यता है. 

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का व्रत जून में रखा जाएगा. 

Ganesh Chaturthi: गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता कहा जाता है. मान्यतानुसार जो भक्त भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूरे मनोभाव से पूजा करते हैं बप्पा उनके सभी कष्ट हर लेते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है. इस माह भी आषाढ़ मास का पहला चतुर्थी व्रत रखा जाएगा. कल यानी 7 जून, बुधवार के दिन रखा जाएगा कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी (Krishnapingala Sankashti Chaturthi) का व्रत. इस दिन भगवान गणेश का पूजन किया जाता है और कहते हैं इस व्रत को रखने पर जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है. जानिए कैसे करें पूजन. 

कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत | Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023

संकष्टी चतुर्थी के व्रत के महिलाएं खासतौर से गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन व्रत की पूजा के लिए सुबह-सवेरे उठकर स्नान पश्चात व्रत का संकल्प लिया जाता है. गणपति बप्पा की पूजा में गंध, पुष्प, दीप और धूप आदि इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके अतिरिक्त गेंदे के फूल, गुड़ और मोदक भोग में चढ़ाए जाते हैं. पूजा के दौरान सिंदूर का तिलक लगाया जाता है. सिंदूर या दूर्वा का इस्तेमाल करने पर कहा जाता है गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं. कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत में  'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करना अच्छा माना जाता है. 

संकष्टी चतुर्थी के व्रत में गणपति बप्पा से जुड़े कई उपाय किए जाते हैं. मान्यतानुसार इस दिन बप्पा को तुलसी दल भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए. तुलसी दल चढ़ाने पर भगवान गणेश रुष्ट हो सकते हैं. बप्पा को संकष्टी चतुर्थी की पूजा (Sankashti Chaturthi Puja) में दुर्वा दल चढ़ाना शुभ मानते हैं. 

Advertisement

इस व्रत के दिन कंद मूल या कहें जमीन में उगने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. इन खाने की चीजों में चुकुंदर, गाजर, मूली और शकरंद आदि शामिल हैं. इन्हें कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन खाने पर जीवन में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. 

Advertisement

कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चंद्र देव की पूजा भी की जा सकती है. इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही पूजा संपन्न होती है. इसके अलावा, व्रत का पारण चंद्र देव को अर्घ्य देने के बाद ही करना चाहिए. 

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

सिंगिंग स्किल की तारीफ करने पर Parineeti Chopra ने पैपराजी को कहा Thank You
Featured Video Of The Day
Delhi Assembly Elections: शिक्षा से लेकर कूड़ा तक..इन मुद्दों पर Anurag Thakur का AAP पर हमला