Krishna Janmashtami: पद्मकांति पुष्प बंगला में विराजमान होंगे ठाकुरजी, जानिए क्या है इसकी खासियत 

Padmakanti Pushp bangla: पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है. इस दिन पूरे मनोभाव से लड्डू गोपाल का पूजन किया जाता है. जानिए इस साल श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर किस तरह ठाकुरजी पद्मकांति पुष्प बंगले में विराजमान होने वाले हैं. 

Advertisement
Read Time: 3 mins
K

Janmashtami 2024: साल के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी. पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जन्माष्टमी मनाई जाती है. जन्माष्टमी की धूम देश के अलग-अलग हिस्सों में देखने को मिलती है परंतु कृष्ण जन्मस्थान मथुरा (Mathura) में जन्माष्टमी की अलग ही रौनक नजर आती है. इस वर्ष मथुरा के मंदिर में श्रीकृष्ण का 5251वां जन्म महोत्सव मनाया जा रहा है जिसमें परंपरागत ठाकुरजी की पूजा-आराधना की जाएगी. इस बार ठाकुरजी पद्मकांति पुष्प बंगले में विराजेंगे. जानिए क्या है पद्मकांति पुष्प बंगला (Padmakanti Pushp Bangla) और क्या है इसकी खासियत.

बेहद शुभ है इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का योग, भगवान के जन्म के वक्त भी यही था संयोग

पद्मकांति कृष्ण बंगला क्या है | What Is Padmakanti Pushp Bangla 

इस साल 26 अगस्त के दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. बताया जा रहा है कि भगवान श्रीकृष्ण को जन्माष्टमी के अवसर पर पद्मकांति पुष्प बंगले में विराजित किया जाएगा. भगवान के चिन्ह यानी गदा, कमल, शंख और चक्र बंगले में दिखाई देंगे. जन्माष्टमी के मौके पर श्रीकृष्ण सोम चंद्रिका पोशाक में नजर आएंगे. 

इस मौके पर नयनाभिराज सज्जा की जा रही है और कंस के कारागार के रूप में श्रीगर्भ गृह और श्रीकृष्ण चबूतरे की साज-साज इस तरह की जा रही है जिस तरह भक्तों को द्वापरकालीन युग के कंस के कारागार की अनुभूति होगी. इस गर्भग्रह में विराजमान चतुर्भुज नारायण के श्रीविग्रह की पोशाक सबसे हटकर होगी. यहां भक्त भगवान के चतुर्भुज रूप के दर्शन कर पाएंगे. ठाकुरजी दिव्य मुकुट धारण करेंगे. साथ ही, भगवती योगमाया स्वर्ण मुकुट में भक्तों को दर्शन देंगी. 

Advertisement

25 अगस्त की शाम शोभयात्रा निकाली जाएगी जिसमें घंटे, मजीरे, मृजंग और डमरू की मंगल ध्वनि सुनने को मिलेगी. इस शोभयात्रा को अलौकिक कहा जाता है. अगले दिन 26 अगस्त को सुबह आरती (krishna Aarti) की जाएगी जिसके बाद 8 बजे भगवान श्रीकृष्ण का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद श्रीकृष्ण स्त्रोत पढ़े जाएंगे, राधा-कृष्ण पर कमल के पुष्प और तुलसीदल अर्पित किए जाएंगे. साथ ही, वेदमंत्रों का पाठ किया जाएगा. 

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Atishi New Delhi CM: क्या आतिशी सरकार केजरीवाल की खड़ाऊं सरकार बन जाएगी?