शिव भक्त कर लें तैयारी, जुलाई महीने की इस तारीख को शुरू हो रही है कांवड़ यात्रा

आंकड़ों के अनुसार, हर साल करीब 2 करोड़ श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा को करते हैं. कांवड़ यात्रा सिर्फ पुरुषों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी हिस्सा लेती हैं.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
कांवड़ यात्रा हिंदू महीने श्रावण में होती है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई और अगस्त का महीना होता है.  

Kanwar Yatra or Kawad Yatra 2024 : कांवड़ यात्रा भगवान शिव के भक्तों द्वारा हर साल की जाने वाली तीर्थयात्रा है. इस पवित्र यात्रा को जल यात्रा भी कहा जाता है क्योंकि इसमें 'कांवरिया' या कांवड़िया बिहार के सुल्तानगंज, उत्तराखंड के गंगोत्री, गौमुख और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थानों से गंगा जल लाने के लिए जाते हैं और फिर श्रावण मास की त्रयोदशी तिथि को गंगाजल अपने गृह नगर के शिव मंदिर में चढ़ाते हैं. बहुत जल्द दिखेगी आसमानी कलाबाजी, 'चांद'... है ठहरने वाला, जानिए क्या है पूरा मामला

कांवड़ यात्रा की तारीख 2024

इस साल यह पवित्र यात्रा 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से शुरू हो रही है. सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक किया जाता है. इस साल श्रावण मास अधिकमास है, इसलिए दो मासिक शिवरात्रि (सावन शिवरात्रि) होंगी. पहली शिवरात्रि 15 जुलाई को होगी और जल का समय 16 जुलाई को सुबह 12:11 बजे से 12:54 बजे के बीच होगा. दूसरी शिवरात्रि 14 अगस्त को होगी और जल का समय 15 अगस्त को सुबह 12:09 बजे से 12:54 बजे के बीच होगा.

कांवड़ यात्रा कब होती है? 

कांवड़ यात्रा हिंदू महीने श्रावण में होती है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई और अगस्त का महीना होता है.  हालांकि, बिहार और झारखंड राज्य में सुल्तानगंज से देवघर तक की कांवड़ यात्रा कांवड़ियों द्वारा पूरे साल की जाती है. श्रद्धालु पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ नंगे पांव 100 किलोमीटर की यह यात्रा करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार कांवड़ यात्रा सबसे पहले भादो के महीने में मनाई जाती थी, लेकिन वर्ष 1960 में श्रावण के महीने में मेला शुरू होने के बाद, यह यात्रा इसी महीने से शुरू होकर दशहरा तक चलती है.

 कांवड़ यात्रा मुख्य रूप से इसी समय मनाई जाती है, लेकिन 'महा शिवरात्रि' और 'बसंत पंचमी' जैसे महत्वपूर्ण हिंदू अवसरों पर कांवड़ियों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है.

आंकड़ों के अनुसार, हर साल करीब 2 करोड़ श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा को करते हैं. 'श्रावण मेला' के नाम से मशहूर यह मेला उत्तर भारत के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक है. कांवड़ यात्रा सिर्फ पुरुषों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी हिस्सा लेती हैं.

गर्मियों में भी फटने लगी हैं एड़ियां, तो जानिए इसका कारण और घरेलू उपचार

Featured Video Of The Day
Jaipur CNG Tanker Blast: 2 दिन में 3 राज्यों में 3 बड़े हादसे | Bus Fire News
Topics mentioned in this article