Karwa Chauth 2022 Saree Colour: करवा चौथ का व्रत आज पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ रखा जा रहा है. सुहागिन महिलाएं अपने पति की कुशलता और अखंड सौभाग्य की कामना से निर्जला व्रत रखेंगी. कहा जाता है कि करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए खास होता है. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके माता करवा, मां पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करती हैं, साथ ही शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण करती हैं. करवा चौथ व्रत को खास बनाने के महिलाएं खास रंग की साड़ी पहनती हैं. आमतौर पर महिलाएं करवा चौथ व्रत में लाल रंग के कपड़े ही पहनती हैं. हालांकि व्रत के दौरान कुछ रंगों के वस्त्र का इस्तेमाल करना अशुभ माना गया है. आइए जानते हैं कि करवा चौथ व्रत के दौरान किन रंगों की साड़ी पहनना शुभ नहीं माना गया है.
सफेद रंग की साड़ी
करवा चौथ व्रत नियम के अनुसार, एक सुहागिन महिला को करवा चौथ व्रत के दौरान सफेद रंग की साड़ी नहीं पहननी चाहिए. दरअसल कई बार महिलाएं पर्व पर अलग लुक देने के लिए इस रंग की साड़ी पहनने की भूल कर बैठती हैं. धार्मिक दृष्टिकोण से करवा चौथ के दिन इस रंग के वस्त्र का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.
काले रंग की साड़ी
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार किसी भी शुभ कार्य या व्रत-त्योहार के दौरान काले रंग का इस्तेमाल करना निषेध माना गया है. ऐसे में करवा चौथ व्रत के दौरान व्रती को भी काले रंग की साड़ी पहनने से बचना चाहिए. दरअसल काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना गया है. ऐसे में आज करवा चौथ पर काले रंग का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.
नीले रंग की साड़ी
करवा चौथ व्रत के दौरान नीले रंग की साड़ी पहनने से भी परहेज किया जाता है. दरअसल यह रंग पूजा के लिए शुभ नहीं माना जाता है. गहरे नीले रंग की साड़ी देखने में कमोवेश काले रंग का होता है. यही वजह है कि व्रत के दौरान सुहागिन महिलाएं इस रंग की साड़ी का इस्तेमाल करने से बचती हैं.
भूरे रंग की साड़ी
करवा चौथ व्रत के दौरान भूरे रंग की साड़ियां भी नहीं पहनी जाती हैं. दरअसल मान्यता है कि भूरे रंग पर राहु-केतु जैसे अशुभ ग्रह का प्रभाव रहता है. ऐसे करवा चौथ व्रत के दौरान इस रंग की साड़ी पहनने के व्रत का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है. ऐेसे में करवा चौथ व्रती को चाहिए कि पूजा के दौरान भूरे रंग की साड़ी का इस्तेमाल ना करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)