यूपी : गढ़ गंगा मेले में ट्रैक्टर -ट्रॉली तथा वाहनों की लम्बी कतारे कई किलोमीटर तक लगी हैं. मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए आते हैं. गढ़मुक्तेश्वर के गंगा किनारे लगने वाला यह मेला 10 दिनों तक चलता है. इस मेले में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा आस पास के लोग शामिल होते हैं. महाभारत के बाद पांडवों ने मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए यहीं पर ही दीपदान किया था.
पश्चिमी UP में यह मेला बहुत ख़ास होता है. कार्तिक मेले में तीन साल बाद लगने वाले इस पशु मेले से व्यापारियों को राहत मिली है. कई सालों से पशु मेला नहीं लग रहा था. इस बारे में व्यापारियों का कहना है कि मेला कई सालो से नहीं लगा था, जिसके चलते बड़ी परेशानी हो रही थी. हमें इस मेले का बहुत इंतज़ार रहता है. इस पशु मेले में करोड़ों रुपये का व्यापार होता है.
यहां दूर-दूर से पशु व्यापारी अपने पशुओं को बेचने के लिए लेकर आते हैं. मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है यही वजह है. पूरे मेले में अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के बैनर व पोस्टर हर जगह आपको दिखाई देंगे. मेले में लाखों की संख्या में शामिल हुए श्रद्धालुओं के ऊपर BJP के गढ़ से पूर्व विधायक कमल मलिक ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा करते हुए श्रद्धालुओं का स्वागत किया.
इस गंगा किनारे लगने वाले कार्तिक मेले में लगभग 35 से 40 लाख श्रद्धालुओं की संख्या होती है. लिहाजा पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद है. आसमान से लेकर जमीन तक पुलिस की निगरानी है. इस मेले को तीन ज़ोन में डिवाइड किया गया है जिसमें 22 थाने तथा बाईस सौ पुलिस कर्मी की ड्यूटी लगायी गई है. साथ ही पीएसी कंपनी के साथ NDRF और डेढ़ सौ से ज़्यादा CCTV कैमरे लगाए गए हैं. ड्रोन के माध्यम से भी आसमान से निगरानी की जा रही है.
एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया, हर साल मेले में 30 से 35 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु पहचते हैं. मेले में हरियाणा, दिल्ली, बागपत, मेरठ से श्रद्धालु आते हैं. इसलिए मेले को कई सेक्टर में बांटा गया है. मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं. इसलिए यहां पर जल पीएसी कम्पनी भी तैनात की गई है.