Kalashtami December 2021: कालाष्टमी पर ऐसे करें बाबा को प्रसन्न, करें भैरवाष्टकम् का पाठ

Kalashtami 2021 December: भगवान शिव के रुद्र रूप काल भैरव की पूजा हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन करने का विधान है. यह अष्टमी भैरव बाबा को समर्पित है. 

Advertisement
Read Time: 5 mins
K
नई दिल्ली:

पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी (Krishna Paksha Ashtami) तिथि को कालाष्टमी मनाई जा रही है. यह अष्टमी भैरव बाबा को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) के रौद्र रूप काल भैरव (Kaal Bhairav) का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. पूजन के समय भैरवाष्टकम् का पाठ करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि काल भैरव के पूजन करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है. बता दें कि हर साल कुल 12 कालाष्टमी (Kalashtami) मनाई जाती हैं. पौष मास में पड़ने वाली यह कालाष्टमी साल की अंतिम कालाष्टमी है. धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि काल भैरव भगवान शिव (Lord Shiva) का वाममार्गी स्वरूप हैं.

काल भैरव अष्टकम्

देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम् ।
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ १॥

भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् ।
कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ २॥

शूलटंकपाशदण्डपाणिमादिकारणं श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम् ।
भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ३॥

भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम् ।
विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥ ४॥

धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशनं कर्मपाशमोचकं सुशर्मधायकं विभुम् ।
स्वर्णवर्णशेषपाशशोभितांगमण्डलं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ५॥

रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम् ।
मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ६॥

अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं दृष्टिपात्तनष्टपापजालमुग्रशासनम् ।
अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ७॥

भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम् ।
नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ८॥

॥ फल श्रुति॥

कालभैरवाष्टकं पठंति ये मनोहरं ज्ञानमुक्तिसाधनं विचित्रपुण्यवर्धनम् ।
शोकमोहदैन्यलोभकोपतापनाशनं प्रयान्ति कालभैरवांघ्रिसन्निधिं नरा ध्रुवम् ॥

॥इति कालभैरवाष्टकम् संपूर्णम् ॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Meena Kumari की खातिर क्यों ठुकरा दिया प्राण ने Film Fare Award | Bollywood Trivia | Entertainment