Jyeshtha Month Vrat Tyohar: पंचांग के मुताबिक 17 मई, मंगलवार से ज्येष्ठ मास (Jyeshtha Month 2022) की शुरुआत हो रही है. जो कि 14 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2022) के दिन खत्म होगा. हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास (Jyeshtha Month) का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि इस महीने में सूर्य देव (Surya Dev) अत्यंत ताकतवर रहते हैं. मान्यतानुसार सूर्य देव (Surya Dev) की ज्येष्ठता के कारण इस महीने को ज्येष्ठ कहा जाता है. कहा जाता है कि ज्येष्ठ मास में हनुमानजी (Hanumanji) की पूजा विशेष फलदायी होती है. इसके अलावा इस महीने में सूर्य देव की उपासना का भी खास महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस महीने में रविवार का व्रत रखकर सूर्य देव को जल देने से विशेष लाभ मिलता है. ज्येष्ठ मास में कई व्रत-त्योहार (Jyeshtha Month Vrat Tyohar) पड़ने वाले हैं. इस मास में एकदंत चतुर्थी व्रत, अपरा या अचला एकादशी, मासिक शिवरात्रि, शनि जयंती, सोमवती अमावस्या, वट सावित्री व्रत पड़ेंगे. ज्येष्ठ मास में कौन-कौन से व्रत-त्योहार पड़ेंगे, इसके बारे में जानते हैं.
ज्येष्ठ मास के व्रत-त्योहार I Jyeshtha Month Vrat Tyohar
17 मई, 2022, मंगलवार- ज्येष्ठ मास आरंभ, प्रतिपदा तिथि, बड़ा मंगल व्रत, नारद जयंती
19 मई, बुधवार- एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत
22 मई, रविवार- भानु सप्तमी
26 मई, गुरुवार- अपरा एकादशी व्रत
27 मई, शुक्रवार- प्रदोष व्रत
30 मई, सोमवार- शनि जयंती, दर्श अमावस्या, सोमवती अमावस्या, वट सावित्री, ज्येष्ठ अमावस्या
03 जून, शुक्रवार- विनायक चतुर्थी व्रत
07 जून, गुरुवार- मासिक दुर्गाष्टमी व्रत
09 जून, गुरुवार- गंगा दशहरा
10 जून, शुक्रवार- निर्जला एकादशी व्रत
11 जून, शनिवार- गायत्री जयंती
12 जून, रविवार- प्रदोष व्रत
14 जून, मंगलवार- ज्येष्ठ पूर्णिमा, वट पूर्णिमा व्रत
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)