Indira Ekadashi 2024: इंदिरा एकादशी पर इस तरह किया जा सकता है पूजन, पितरों का भी मिलेगा आशीर्वाद

Indira Ekadashi Puja: हिंदू धर्म में एकादशी की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. वहीं, आश्विन माह में एकादशी पर पितरों की पूजा का भी विशेष महत्व होता है. यहां जानिए इस मौके पर पितृ नाराज ना हों इसके लिए किस तरह की जाती है पूजा संपन्न. 

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Indira Ekadashi 2024: एकादशी पर मान्यतानुसार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. माना जाता है कि एकादशी की पूजा संपन्न करने पर जातक के घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और खुशहाली का आगमन होता है. आश्विन माह में इंदिरा एकादशी पड़ती है जिसमें भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के साथ-साथ पितरों की पूजा का विधान है. इस माह पितृपक्ष पड़ने के चलते पितरों की खास पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है कि इस एकादशी पर पितरों की पूजा की जाए तो पितरों की नाराजगी दूर होती है और घर-परिवार पर पितृ दोष (Pitra Dosh) नहीं लगता है. जानिए इस साल कब है इंदिरा एकादशी और इस एकादशी पर किन बातों को ध्यान में रखना बेहद आवश्यक है. 

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इंदिरा एकादशी और पितरों की पूजा  

पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस साल 28 सितंबर, शनिवार के दिन इंदिरा एकादशी का व्रत (Indira Ekadashi Vrat) रखा जाएगा. पितरों की नाराजगी से बचने के लिए इंदिरा एकादशी के दिन पितरों के नाम पर दक्षिण दिशा में दीपक जलाया जा सकता है. माना जाता है कि ऐसा करने पर पितृ प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. 

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काले कपड़े में एक मुट्ठी दाल और काले तिल बांधकर भी घर की दक्षिण दिशा में रखा जा सकता है. इन तिल और दाल को द्वादशी तिथि पर किसी गाय को खिलाया जा सकता है. माना जाता है कि ऐसा करने पर पितरों का आशीर्वाद मिलता है. 

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पीपल के पेड़ की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. इस पेड़ पर त्रिदेव यानी भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान महेश का वास माना जाता है. इंदिरा एकादशी पर पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाकर परिक्रमा करना शुभ मानते हैं. पीपल के पेड़ की इस दिन 11 बार परिक्रमा की जा सकती है. 

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इंदिरा एकादशी पर विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करना भी बेहद शुभ होता है. माना जाता है कि ऐसा करने पर पितरों का आशीर्वाद मिलता है और भगवान विष्णु के साथ-साथ पितृ भी प्रसन्न हो जाते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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