Tulsi plants : हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है. यह हर घर के आंगन या फिर बालकनी में लगा मिल जाता है. घर के बड़े बुजुर्गों के दिन की शुरूआत इनको जल देने के साथ होती है. इस पौधे के होने से घर में सकारात्मकता आती है. लेकिन कई बार इसका ठीक ढ़ंग से ख्याल रखने के बावजूद यह पौधा सूखने लगता है. ऐसे में कई लोग गमले से तुरंत उखाड़कर फेंक देते हैं, जो कि ठीक नहीं. तुलसी के सूखे पौधे को हटाने का भी नियम होता है जिसके बारे में आपको इस लेख में बताने वाले हैं.
तुलसी के सूखे पौधे को कैसे हटाएं गमले से
1- शास्त्रों के अनुसार, तुलसी के पौधे को चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण, अमावस्या, एकादशी, पितृ पक्ष, रविवार और पूर्णिमा के दिन गमले से नहीं हटाना चाहिए. इन सात दिनों के अलावा आप कभी भी तुलसी के पौधे को हटा सकते हैं. वहीं, तुलसी के पौधे को हटाने से पहले उसको जल चढ़ाएं ताकि मिट्टी गिली हो जाए. इसके बाद भी आप उसे उखाड़िए.
2- सूखे तुलसी पौधे में जल देने के बाद आप विष्णु जी का नमन करें. फिर आप खुरपी की मदद से इस पौधे को गमले से हटा दीजिए.इसके बाद बहते जल में इसे प्रवाहित कर दीजिए. वहीं, आप तुलसी के सूखे हुए पौधे को मुख्य दरवाजे पर बांधने से घर में देवी लक्ष्मी का प्रवेश होता है और सुख शांति बनी रहती है.
3- इसके अलावा आप सूखे तुलसी के पौधे की लकड़ियों को स्टोर करके भी रख सकते हैं. इसका इस्तेमाल आप आहुति में कर सकते हैं. इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आएगी. वहीं, आप तुलसी की 7 लकड़ियों में सूत या फिर रूई लपेटकर घी में डुबो दीजिए फिर आप उसे दीपक में रखकर जला दीजिए. इससे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है.
4- आप सूखे तुलसी के पत्तों को भगवान विष्णु को भी चढ़ा सकते हैं. इसके अलावा आप भगवान और श्री कृष्ण को चढ़ाइए. यह भी तरीका अच्छा होता है घर की सकारात्मता बनाए रखने के लिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)