शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के दौरान ध्यान रखें ये बातें, इस तरीके से चढ़ाएंगे तो मिलेगा पूरा लाभ

बेलपत्र चढ़ाते समय अधिकतर लोग कुछ साधारण सी गलतियां कर देते हैं जिससे उन्हें पूजा का पूरा लाभ नहीं मिलता है. यहां जानिए मान्यतानुसार शिवलिंग पर आपको बेलपत्र किस तरीके से चढ़ाना चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

Shivratri 2024: सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो चुकी है और सावन का महीना इस साल 19 अगस्त तक चलेगा. ऐस में पूरे महीने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने के साथ ही शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है और शिवलिंग पर लोग जल चढ़ाने के साथ ही बेलपत्र (Belpatra), भांग और धतूरा भी अर्पित करते हैं. लेकिन, बेलपत्र चढ़ाते समय अधिकतर लोग कुछ साधारण सी गलतियां कर देते हैं जिससे उन्हें पूजा का पूरा लाभ नहीं मिलता है. यहां जानिए मान्यतानुसार शिवलिंग (Shivling) पर आपको बेलपत्र किस तरीके से चढ़ाना चाहिए.

हरियाली अमावस्या पर दान का होता है विशेष महत्व, मान्यतानुसार मिलता है भगवान शिव का आशीर्वाद

शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाएं 

अक्सर लोगों का सवाल रहता है कि शिवलिंग पर हमें कितने बेलपत्र चढ़ाने चाहिए. मान्यतानुसार शिवलिंग पर 3 से लेकर 11 बेलपत्र चढ़ा सकते हैं. आप चाहे तो इससे ज्यादा बेलपत्र भी चढ़ा सकते हैं. लेकिन, कम से कम तीन बेलपत्र तो हमें जरूर शिवलिंग पर अर्पित करने चाहिए. 

बेलपत्र चढ़ाते समय हमेशा यह ध्यान रखें कि जो पत्ती का ऊपरी हिस्सा है जिसमें एक पॉइंट बनता है वह कभी भी टूटा हुआ ना हो. इसके अलावा बेलपत्र कहीं से फटा ना हो और उस पर ज्यादा धारियां ना हों. 

Advertisement

शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने के दौरान सबसे पहले आप चंदन से बेलपत्र पर टीका लगा सकते हैं या फिर ॐ लिख सकते हैं. इसे हमेशा चिकनी तरफ से शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए. 

Advertisement

जब भी कभी आप शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं तो इसे साफ पानी से धो लें. इसके बाद चिकनी सतह को शिवलिंग से स्पर्श कराएं और इस दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र (Mantra) का जाप करें. 

Advertisement

नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो

दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥

दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम्‌ पापनाशनम्‌।

अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्‌।

त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्‌॥

अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्‌।

कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥

गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर।

सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Monsoon Diet: न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया मॉनसून में कैसा होना चाहिए खानपान | Monsoon
Featured Video Of The Day
International Space Mission: May में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे Group Captain Shubhanshu Shukla
Topics mentioned in this article