Holika Dahan 2022 Date: होली (holi 2022) में केवल कुछ ही दिन बाकी है. ऐसे में लोगों की तैयारियां जोरों-शोरों पर हैं. कल (10 मार्च) से ही (Holi 2022 date) होलाष्टक शुरू हो जाएंगे. बता दें कि इन दिनों कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार (Holi Celebrations) मनाया जाता है. इस दिन पूर्णिमा की रात में होलिका दहन किया जाएगा और उसके अगले ही दिन रंगों की होली खेली जाएगी.
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होलिका दहन की पूजा में कुछ नियमों का पालन करना जरूरी माना जाता है. इस साल होलिका दहन 17 मार्च 2022 को मनाया जाएगा, जबकि रंग वाली होली 18 मार्च 2022 को खेली जाएगी. इस साल की होली कई मायनों में काफी खास होने वाली है, क्योंकि इस साल होली पर कई शुभ योग बनने जा रहे हैं. आइए जानते हैं होली पर बनने वाले इन शुभ योगों के बारे में. इसके अलावा जानिए होलिका दहन की पूजा के नियमों के बारे में.
होली पर बनने वाले शुभ योग | Holi 2022 Shubh Yog
साल 2022 में होली पर कई शुभ योग बन रहे हैं. इसमें वृद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और ध्रुव योग शामिल हैं. वहीं, होली पर बुध-गुरु आदित्य योग भी बन रहा है, जिसे काफी शुभ माना जा रहा है. मान्यता है कि वृद्धि योग में किए गए कार्य लाभ देते हैं, जो व्यापार के लिए काफी लाभकारी माना गया है. इसी क्रम में सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए अच्छे कार्यों से पुण्य की प्राप्ति होती है.
इसी तरह चंद्रमा और सभी राशियों पर ध्रुव योग के चलते काफी अच्छा प्रभाव पड़ रहा है. माना जाता है कि ध्रुव योग का बनना मतलब कुंडली में चंद्रमा को मजबूती मिलना. वहीं, होली का पूजन बुध-गुरु आदित्य योग में करना घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है.
होली की तिथि और शुभ मुहूर्त | Holi Date 2022 And Shubh Muhurat
- फाल्गुन मास की पूर्णिमा की तिथि- 17 मार्च की दोपहर 01:29 बजे से शुरू होगी.
- फाल्गुन मास की पूर्णिमा की तिथि का समापन- 18 मार्च की दोपहर 12:47 बजे होगा.
- होलिका दहन मुहूर्त- रात 9 बजकर 6 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक.
- होलिका दहन मुहूर्त की अवधि- 01 घंटा 10 मिनट.
- रंगवाली होली- शुक्रवार, 18 मार्च 2022 को.
- भद्रा पूंछ- रात 9 बजकर 6 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक.
- भद्रा मुख- रात 10 बजकर 16 मिनट से लेकर, 18 मार्च 2022 की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक. (प्रदोष के दौरान होलिका दहन भद्रा के साथ)
- पूर्णिमा की तिथि आरंभ- 17 मार्च दोपहर 1 बजकर 29 मिनट पर.
- पूर्णिमा की तिथि समाप्त- 18 मार्च दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर.
होलिका दहन के नियम | Holika Dahan Ke Niyam
- कहा जाता है कि होलिकी दहन हमेशा शुभ मुहूर्त पर ही करना चाहिए.
- ध्यान रखें कि भूलकर भी भद्रा मुख और राहुकाल के दौरान होलिका दहन ना करें.
- माना जाता है कि होलिका दहन के समय महिलाओं को सिर खुला नहीं रखना चाहिए.
- मान्यता है कि इस दिन सात्विक भोजन का सेवन करना अच्छा होता है.
- कहा जाता है कि होलिका दहन के दिन भोजन के समय मुख दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए.
- इस दिन घर के बड़े-बुजुर्गों का भूलकर भी अनादर ना करें.
- इसके अलावा इस दिन रात के समय घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)