उज्जैन की होली नहीं देखी तो क्या देखा, इस तरह महाकाल के दरबार में किया जाता है होलिका दहन 

Holi 2022: होली देश के कोने-कोने में विभिन्न तरीकों से मनाई जाती है. उज्जैन में भी होली के पर्व का अलग ही रंग देखने को मिलता है.

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Holika Dahan: महाकाल के मंदिर में इस तरह होगा होलिका दहन.

Holi 2022: होली पर मथुरा और वृन्दावन की होली देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. राधाकृष्ण के मंदिरों के बाहर भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं. रंगों के साथ-साथ यहां फूलों से भी होली खेली जाती है. राधारानी और भगवान कृष्ण की नगरी की होली पर सबका ध्यानकेन्द्रित रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं उज्जैन में होली का पर्व बड़े ही धूमधाम और विशेष पूजा-पाठ के साथ मनाया जाता है. उज्जैन में भगवान महाकाल के दरबार में शुक्रवार 17 मार्च के दिन नहीं बल्कि आज 16 मार्च, गुरुवार के दिन ही होलिका दहन (Holika Dahan) होने वाला है. 

उज्जैन में होली की उमंग 

उज्जैन में हजारों भक्त महाकाल के दरबार में होली मनाते हैं. उज्जैन के महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में सबसे पहले भगवान शिव को गुलाल लगा कर उनके साथ होली खेली जाती है. होली के महापर्व पर मंदिर में हर ओर होली की मुग्ध कर देने वाली सुगंध होती है, भजन-कीर्तन व आरती कानों में पड़ती है तो पूरा समा बंध जाता है. भक्त महाकाल के साथ टेसू के फूलों के साथ होली खलते हैं और रंगपंचमी (Rang Panchami) के दिन उन पर गुलाल भी चढ़ाया जाता है. 

महाकालेश्वर मंदिर में होलिका दहन 

इसके साथ ही, प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में 17 मार्च के दिन ही होलिका दहन होगा. माना जा रहा है कि शुक्रवार की रात में ही रंग खेलने की शुरुआत हो जाएगी. महाकालेश्वर मंदिर में संध्या आरती के बाद भक्त अपने आराध्य को रंग अर्पित कर सकेंगे. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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