Hartalika Teej 2022: अगर पहली बार रख रही हैं हरतालिका तीज का व्रत, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

Hartalika Teej 2022: हरतालिका तीज व्रत आज रखा जा रहा है. इस व्रत को सुहागिन महिलाएं निर्जला रहकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. अगर आप पहली बार व्रत रख रही हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें.

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Hartalika Teej 2022: अगर पहली बार हरतालिका तीज का व्रत रख रही हैं तो इन बातों का ध्यान रखें.

Hartalika Teej 2022 Vrat Vidhi: हरतालिका तीज का त्योहार आज मनाया जा रहा है. शादीशुदा सुहागिन महिलाएं इस व्रत को लेकर कई दिनों से उत्साहित थीं. यह व्रत मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. व्रत के दौरान महिलाएं बिना जल ग्रहण किए मां पर्वती और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करती हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक रखने से वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है. अगर पहली बार हरतालिका तीज का व्रत रख रही हैं तो इस दौरान कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें.

हरतालिका व्रत का है खास महत्व | Hartalika Teej 2022 Importance

धार्मिक मान्यता के अनुसार, हरतालिका व्रत रखने से पति की उम्र लंबी होती है. साथ ही संतान का जीवन भी खुशहाल रहता है. इसके साथ ही घर-परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है. इसके आलावा जो भी विवाहित महिलाएं इस व्रत को रखती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता यह भी है कि को कोई कुंवारी कन्याएं इस व्रत को रखती हैं, उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है.

हरतालिका व्रत में इन बातों का रखें खास ख्याल | Hartalika Teej Vrat Rules

किसी भी पूजा-पाठ में महत्वपूर्ण सामग्रियों की जरूरत पड़ती है. अगर आप पहली बार व्रत रख रही हैं तो पूजन सामग्री के रूप में आपको भगवान शिव और माता पावर्ती की मूर्ति या तस्वीर की आवश्यकता होगी. इसे रखने के लिए पूजा की चौकी, पीले या लाल रंग का वस्त्र, भगवान के लिए वस्त्र, माता पावर्ती के लिए चुनरी, कलश, मेवा, बताशे, आम के पत्ते (पान का पत्ता भी ले सकते हैं), घी, दिया, कच्चा नारियल, धूप, अगरबत्ती, कपूर, पुष्प, पांच प्रकार के फल, सुहाग का सामान, सुपारी, पूजा पर भोग लगाने के लिए प्रसाद, मिठाई आदि की व्यवस्था कर लें. 

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हरतालिका तीज व्रत 2022 शुभ मुहूर्त | Hartalika Teej Vrat 2022 Shubh Muhurat 

हरतालिका तीज व्रत पर सुबह साढ़े छह बजे से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा. वहीं शाम शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा. प्रदोष काल में हरतालिका पूजन शुभ माना गया है.  

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हरतालिका तीज की पौराणिक कहानी | Hartalika Teej Vrat Katha

पौराणिक कथा के अनुसार जब माता सती आत्मदाह की तब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर साधना में लीन हो गए. इसके बाद दूसरे जन्म में माता सती ने हिमालयराज की पुत्री के रूप में जन्म लिया. इस जन्म में उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या आरंभ की. माता सती की कठोर तपस्या को देखकर भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने नारद जी को हिमालयराज के पास पार्वती से विवाह करने का प्रस्ताव भेजा, लेकिन माता पार्वती भगवान शिव को मन ही मन में पति मान चुकी थीं, इसलिए वह यह बात सुनकर बहुत दुखी हो गई और उन्होंने यह बात अपनी सहेली से कर डाली. यह बात जब उनकी सहेली को पता चली, तो उसने माता पार्वती को चुराकर एक घने जंगल में ले गई और वहीं उन्हें तपस्या करने को कहीं. तब माता पार्वती भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या करने लगीं. माता पार्वती की कठोर तपस्या को देखकर भगवान शिव बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें माता पार्वती को दर्शन दिया और उन्होंने पत्नी के रूप में स्वीकार किया.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
 

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