Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं. अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की इच्छापूर्ति के लिए भगवान शिव और मां पार्वती के लिए हरियाली तीज का व्रत (Hariyali Teej Vrat) रखती हैं. इस व्रत में भोलेनाथ और मां गौरी की पूजा की जाती है. हर साल हरियाली तीज का व्रत श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है. अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखे जाने वाले इस व्रत में पूरे मनोभाव से पूजा करके भगवान से मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा जाता है. ऐसे में यहां जानिए पूजा सामग्री (Puja Samagri) में किन चीजों को शामिल करने पर पूजा संपन्न होगी.
हरियाली तीज पूजा सामग्री | Hariyali Teej Puja Samagri
हरियाली तीज की पूजा सामग्री में शिव पार्वती की मूर्ति, केले के पत्ते, कच्चा सूत, बेलपत्र, चौकी, धतूरा, जनेउ, भांग, जटा नारियल, चंदन, पंचामृत, शहद, आरती की किताब, दही, गंगाजल, शिव चालीसा. अक्षत, कलश, अगरबत्ती, फूल, गुलाल, सुपारी, आम के पत्ते, कपूर, बेलपत्र, दूर्वा, शमी के पत्ते और भांग शामिल की जाती है. इसके साथ ही मां पार्वती को अर्पित करने के लिए बिछुआ, कंघी, माहौर, खोल, हरे रंग की साड़ी, दर्पण, मेहंदी, नथनी, अंगूठी, काजल, सिंदूर, बिंदी, मांग टीका, चूड़ियां और चुनरी को पूजा सामग्री में शामिल करते हैं.
पूजा की थाली में घी या तिल के तेल का दीपक जलाकर रखा जाता है. इसके अलावा थाली में अन्य पूजा सामग्री रखी जाती है और पूरे मनोभाव से हरियाली तीज की पूजा संपन्न होती है.
पंचांग के अनुसार हरियाली तीज सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है. इस साल 27 जुलाई, रविवार के दिन हरियाली तीज का व्रत रखा जाएगा.
हरियाली तीज के दिन रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है. रवि योग शाम 4 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 28 जुलाई की सुबह 5 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. ऐसे में रवि योग के दौरान हरियाली तीज की पूजा की जा सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)