Chandra Dev Aarti in Hindi: आश्विन मास की पूर्णिमा को हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा या फिर कोजागरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इस दिन मन के कारक माने जाने वाले चंद्र देवता की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व होता है. इसे रास पूर्णिमा भी कहते हैं. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को निकलने वाला चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होता है. सनातन परंपरा में इस दिन जप, तप और व्रत आदि का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. मान्यता है कि इस दिन चंद्र देवता की विधि-विधान से पूजा करने से उसके शुभ फल की प्राप्ति होती है और कुंडली का चंद्र दोष दूर होता है.
हिंदू मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणों के साथ अमृत तत्व बरसता है, जिसे पाने के लिए उसकी रोशनी में खीर बनाकर रखने का विधान है, लेकिन चंद्र देवता की पूजा तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक आप उनकी पूजा के अंत में उनके गुणों का गान करने वाली आरती नहीं गाते हैं. इस आरती को श्रद्धापूर्वक गाने से चंद्र देवता प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मानसिक शांति, सुख-सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं. आइए चंद्र देवता की आरती का गान करते हैं.
चंद्र देवता की आरती | Chandra Devta Ki Aarti
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा.
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी.
ॐ जय सोम देवा...
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी.
दीन दयाल दयानिधि, भव बंधन हारी.
ॐ जय सोम देवा...
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे.
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि.
ॐ जय सोम देवा...
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें.
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, संत करें सेवा.
ॐ जय सोम देवा...
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी.
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी.
ॐ जय सोम देवा...
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी.
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे.
ॐ जय सोम देवा...
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी.
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें.
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)