पंच महोत्सव का शुभारंभ आज से हो गया है. बता दें कि इस क्रम में सबसे पहले दिन धन त्रयोदशी पर मंगलवार यानि आज से बर्तनों की खरीददारी की जा रही है, जिसके लिए पहले से ही बाजार सज-धज चुके हैं. वहीं, नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), दिवाली पूजन, गोवर्धन पूजा व भैया दूज तक यह महोत्सव मनाया जाता है. दिवाली कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है. वहीं, धनतेरस का त्योहार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जो की आज (मंगलवार) है. बता दें कि धनतेरस के दिन से पांच दिनों तक चलने वाले दीपोत्सव पर्व आज से आरंभ हो गया है. वही, धनतेरस पर आज त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है. माना जाता है कि इस योग में खरीदारी, निवेश और शुभ कार्यों की शुरुआत करने पर इसमें तीन गुना लाभ मिलता है. आज धनतेरस पर यह योग सुबह से लेकर दोपहर करीब 12 बजे तक रहेगा.
रोशनी का त्योहरा दिवाली हिंदू धर्म के खास त्योहारों में से एक है. ये उत्सव 5 दिनों तक चलता है, जो धनतेरस से शुरू होकर नरक चतुर्दशी, मुख्य पर्व दीपावली, गोवर्धन पूजा से होते हुए भाई दूज पर समाप्त होता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम, रावण का वध करके इस दिन अयोध्या लौटे थे. उनके आने की खुशी में प्रजा ने दीपावाली मनाई . इस दौरान दीप जला कर उनका स्वागत किया था, तब से ही दिवाली मनाई जाने लगी. इस वर्ष दिवाली 4 नवंबर को मनाई जाएगी.
जानिए पंचमहोत्सव का महत्व
धनतेरस
महापर्व दीपावली की शुरूआत धनतेरह से होती है. इस वर्ष धनतेरस आज यानि 02 नवंबर 2021 को मनाया जा रहा है. धनतेरस का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 18 मिनट से 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.
नरक चतुर्दशी
ये दिवाली महापर्व का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी है, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है. यह पर्व इस वर्ष 3 नवंबर 2021, बुधवार को मनाया जाएगा. त्रयोदशी तिथि सुबह 09 बजकर 02 मिनट तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होकर 4 नवंबर 2021 प्रात: 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगी, इसीलिए अभ्यंग स्नान समय 4 नवंबर सुबह 6 बजकर 6 मिनट से 6 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.
दिवाली
रोशनी का त्योहार दिवाली इस साल 4 नवंबर को मनाई जाएगी. इस दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ ऋद्धि-सिद्धि के देवता गणपति महाराज व धन के देवता कुबेर समेत महाकाली की पूजा का विधान है.
गोवर्धन पूजा
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पावन पर्व मनाया जाता है. इस साल गोवर्धन पूजा का पर्व 05 नवंबर 2021 को पड़ेगा. कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 5 नवंबर रात 11 बजकर 14 मिनट तक रहेगी.
भाई दूज
गोवर्धन पूजा के अगले दिन भैयादूज का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला पर्व भाईदूज 6 नवंबर को मनाया जाएगा. भाई दूज की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से 3 बजकर 22 मिनट तक मुहूर्त भाइयों को टीका करने के लिए सबसे शुभ है.
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
- अमावस्या तिथि- देर रात 2 बजकर 44 मिनट तक अमावस्या तिथि रहेगी, उसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी.
- चित्रा नक्षत्र- 4 नवंबर सुबह 7 बजकर 42 मिनट तक चित्रा नक्षत्र रहेगा. उसके बाद स्वाती नक्षत्र लग जायेगा, जो 5 नवंबर सुबह 5 बजकर 7 मिनट तक रहेगा.
- प्रीति योग- सुबह 11 बजकर 9 मिनट तक रहेगा.
- आयुष्मान योग- 4 नवबर सुबह 11 बजकर 10 मिनट से 5 नवंबर सुबह 11 बजकर 7 मिनट तक रहेगा.
- प्रदोष काल- शाम 5 बजकर 34 मिनट से 7 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.