Why is Hanuman covered in sindoor: चिरंजीवी माने जाने वाले हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं, जो हर युग में मौजूद रहते हैं. कलयुग में तो उनकी साधना सबसे ज्यादा फलदायी मानी गई है. हिंदू मान्यता के अनुसार पवनपुत्र की साधना और आराधना जीवन में मंगल ही मंगल करने वाली मानी गई है. खास बात यह भी कि हनुमत साधना के लिए सबसे शुभ दिन भी मंगलवार का ही माना गया है. हिंदू धर्म में हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार के दिन सिंदूर का चोला चढ़ाने की परंपरा है, लेकिन सवाल उठता है कि बाल ब्रह्मचारी हनुमान जी को आखिर सुहागिनों से जुड़ा लाल सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है. आइए इससे जुड़ी कथा, इसे अर्पित करने की विधि और धार्मिक महत्व को विस्तार से जानते हैं.
हनुमान जी ने शरीर पर क्यों लगाया सिंदूर?
हिंदू मान्यता के अनुसार एक बार माता सीता अपनी मांग में सिंदूर भर रही थीं, जिसे देखकर हनुमान जी ने आश्चर्य से सिंदूर को लगाने का कारण उनसे पूछा. तब माता सीता ने हनुमान जी से कहा कि सिंदूर को लगाने से भगवान राम की आयु बढ़ती है. माता सीता के जवाब को सुनकर उनके मन में ख्याल आया कि यदि सिंदूर को लगाने से भगवान राम की आयु बढ़ती है तो क्यों न वे अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगा लें ताकि वे दीर्घायु हो जाएं. इसके बाद उन्होंने अपने पूरे शरीर में सिंदूर का लेप लगा लिया और जब वे राम दरबार में पहुंचे तो सभी उन्हें आश्चर्य से देखने लगे. जब माता सीता ने भगवान राम को इसका कारण बताया तो वो अपने भक्त हनुमान की भक्ति से प्रसन्न हो गये. मान्यता है कि तभी से हनुमान जी को लाल रंग का सिंदूर अर्पित की परंपरा प्रारंभ हुई.
हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने का मंत्र
सिंदूरं रक्तवर्णं च सिंदूरतिलकप्रिये.
भक्तायन दत्तं मया देव सिंदूरं प्रतिगृह्यताम्.
हिंदू मान्यता के अनुसार मंगलवार के दिन संकटमोचक हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करते समय बजरंगी के साधक को इस मंत्र का मन ही मन में श्रद्धापूर्वक जप करते रहना चाहिए. बजरंगी को सिंदूर चढ़ाने से हनुमान जी अपने साधक की सभी बलाओं को दूर करते हुए सुख, समृद्धि का वरदान देते हैं.
सिंदूर का महाउपाय
हिंदू मान्यता के अनुसार हनुमान की कृपा पाने के लिए साधक को हमेशा उनके चरणों में सिंदूर अर्पित करना चाहिए और उनके दाहिने पैर से सिंदूर को लेकर प्रसाद स्वरूप अपने माथे पर तिलक लगाना चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार सिंदूर के इस उपाय से व्यक्ति पर हनुमत कृपा बरसती है और उसके जीवन से जुड़े सारे रोग और शोक दूर होते हैं. उसे सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
सिंदूर चढ़ाने का धार्मिक महत्व
सनातन परंपरा में लाल रंग को शक्ति और रजोगुण का प्रतीक माना गया है. इसे सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी माना गया है. यही कारण है कि मंगवार के दिन इसे शक्ति का पुंज माने जाने वाले बजरंगबली को विशेष रूप से अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि मंगलवार के दिन जो कोई भक्त पवनपुत्र हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाता है, उस पर बजरंगी की हर समय कृपा बरसती है. हनुमान जी उस साधक के हर दुख को हर लेते हैं और उसकी मनोकामना को शीघ्र ही पूरा करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)














