Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस साल गुरु पूर्णिमा का उत्सव 13 जुलाई, 2022 को यानी आज मनाया जा रहा है. शास्त्रो में गुरु को भगवान से भी बड़ा दर्जा दिया गया है. इस दिन गुरु की पूजा (Guru Puja) का विशेष महत्व है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा वेद व्यास जी को भी समर्पित है. इस दिन गुरु की पूजा के अलावा देवगुरु बहस्पति की पूजा भी की जाती है. गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के कुछ खास नियम बताए गए हैं. इस दिन गुरु के सामने कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) पर आज गुरु के सामने कौन-कौन की 5 गलतियां नहीं करनी चाहिए.
गुरु के सामने ना करें ये 5 गलतियां | Do not do these 5 mistakes in front of Guru
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खासतौर पर गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु के आसन पर नहीं बैठना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि शास्त्रों में गुरु को भगवान का दर्जा दिया गया है. ऐसे में गुरु के आसन पर बैठना ना केवल गुरु का अपमान माना जाता है, बल्कि भगवान का अपमान भी माना जाता है.
गुरु के समक्ष कभी की किसी चीज का सहरा लेकर खड़ा नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही उनके मुख की ओर पैर करके नहीं बैठना चाहिए. दरअसल इस तरह से बैठना भी गुरु का अपमान माना गया है.
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शिष्यों को भूलकर भी किसी के सामने अपने गुरु की बुराई नहीं करनी चाहिए. गुरु की बुराई करना घोर अपमान माना जाता है. ऐसे में अगर कोई दूसरा भी ऐसा करे तो उसे तुरंत रोकें.
शिष्य धन-दौलत से कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाए, उसे गुरु के समक्ष शोहरत का रौब नहीं दिखाना चाहिए. क्योंकि गुरु के द्वारा दिए गए ज्ञान के ही शिष्यों का कल्याण होता है. गुरु के ज्ञान का मोल कही नहीं चुकाया जा सकता है.
गुरु के सामने कभी भी अभद्र या अशोभनीय भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. अक्सर गुस्से में लोगों की जुबान से कुछ ही निकल जाता है. ऐसे में यह हमेशा याद रखना चाहिए कि गुरु की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्द कभी भी जुबान पर नहीं लाना चाहिए.
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गुरु पूर्णिमा पर ऐसे करें गुरु की पूजा | Guru Purnima 2022 Puja Vidhi
शास्त्रीय मान्याताओं के मुताबिक गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु को उच्च आसन प्रदान करें. उनके चरणों को जल और धोएं और साफ वस्त्र के पोछें. इसके बाद उनके चरण कमल पर सफेद या पीले फूल अर्पित करें. इसके बाद उन्हें सफेद या पीले वस्त्र प्रदान करें. उन्हें फल, मिठाई और गुरु दक्षिणा अर्पित करें और उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)