Pradosh Vrat 2024: हर माह कृष्ण-शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस व्रत का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है. भक्त भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती की साथ-साथ पूजा करते हैं. इस बार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर गुरुवार का दिन है, इसलिए इसे गुरु प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat) कहा जाता है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रताप से हर मनोकामना पूरी होती है. ज्योतिष का मानना है इस बार पड़ रहे प्रदोष व्रत पर दुर्लभ सौभाग्य योग के साथ कई मंगलकारी योग बन रहे हैं.
गुरु प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त | Guru Pradosh Vrat Shubh Muhurt
वैदिक पंचांग के अनुसार, 28 नवंबर की सुबह 6:23 बजे से मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत होगी जो अगली सुबह 8:39 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के हिसाब से गुरु प्रदोष 28 नवंबर को ही मनाया जाएगा. इस दौरान कई संयोग बनेंगे.
स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें. शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें. अगर व्रत रखना है तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें. फिर संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं. फिर शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें. अब गुरु प्रदोष व्रत की कथा सुनें. घी के दीपक से पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें. अंत में ॐ नमः शिवाय का मंत्र-जाप करें. अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें.
सौभाग्य योग - ज्योतिषियों का मानना है कि त्रयोदशी तिथि पर शाम 4:02 बजे तक सौभाग्य योग का निर्माण होगा. इसमें भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की एक साथ पूजा करने से जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होगी. दुख कभी पास भी नहीं आ पाएगा.
शोभन योग - प्रदोष व्रत पर दूसरा शोभन योग बन रहा है जिसका निर्माण शाम 4:03 बजे होगा. ज्योतिषियों का मानना है यह योग बेहद शुभ है. इसमें भोलेशंकर और मां पार्वती (Ma Parvati) की पूजा करने से हर तरह के सुख साध के जीवन में आ जाते हैं.
गर और वणिज करण - इस बार गुरु प्रदोष व्रत पर चित्रा और स्वाति नक्षत्र का संयोग भी है. इसके साथ गर और वणिज करण का निर्माण भी हो रहा है, जो अत्यंत शुभ माने जाते हैं. इस योग में महादेव का अभिषेक करने से जीवन खुशहाल होता है और कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है.
कहते हैं कि जिन लोगों को अपने शत्रुओं पर विजय पाना हो उन्हें गुरु प्रदोष व्रत रखना चाहिए. इस व्रत को रखने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और शत्रु को पराजित करने में सफलता मिलती है. शिवजी के आशीर्वाद से सभी दुख दूर हो जाते हैं की कृपा प्राप्त होती है और शत्रु को पराजित करने में सफलता मिलती है. शिवजी के आशीर्वाद से सभी दुख दूर हो जाते हैं और जो व्यक्ति गुरु प्रदोष व्रत की कथा सुनते या पढ़ते हैं उनके सभी कार्य पूरे होते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.