Gupt Navratri: माघ मास की गुप्त नवरात्रि का पहला दिन, जानें मां शैलपुत्री की आरती और मंत्र

नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की आराधना करने का विधान है. आज के दिन मां शैलपुत्री के पूजन के समय इस आरती और उनके इस मंत्र का जाप कर शुभ व फलदायी माना जाता है. आइए पढ़ते हैं मां शैलपुत्री की आरती और उनके मंत्र.

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Gupt Navratri: जानिए मां शैलपुत्री की आरती और मंत्र
नई दिल्ली:

माघ और आषाढ़ माह में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की आराधना करने का भी विधान है. नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापित किया जाता है. इसके अलावा मां दुर्गा की विशेष पूजा-आराधना की जाती है. गुप्त नवरात्रि आज (02 जुलाई) से शुरु हो रही हैं. इन दिनों में माता के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. साल में आने वाली चार नवरात्रि में से इस नवरात्रि का भी अपना अलग महत्व होता है. गुप्त नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के पूजन के समय इस आरती और उनके इस मंत्र का जाप कर शुभ व फलदायी माना जाता है. आइए पढ़ते हैं मां शैलपुत्री की आरती और उनके मंत्र.

आरती देवी शैलपुत्री जी की | Maa Shailputri Aarti

शैलपुत्री मां बैल असवार।
करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।


सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।

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श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।

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पूजा के समय इस मंत्र का करें जाप | Maa Shailputri Mantra

या देवी सर्वभूतेषु प्रकृति रूपेण संस्थिता, 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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