Gayatri mantra : सारे कष्टों का समाधान है गायत्री मंत्र, ज्योतिषाचार्य से जानिए इसका महत्व

 गायत्री मंत्र एक बार में परंपरागत रूप से कम से कम 108 बार जपना चाहिए. इस मंत्र का जाप यदि आप पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ करते हैं, तो यह आपके शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है. 

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यह मंत्र कोई साधारण जप नहीं है, यह एक साधना है, जिसे दैनिक अभ्यास के रूप में करना चाहिए.

Gayatri mantra benefits :  हिन्दू धर्म में गायत्री मंत्र का विशेष महत्व है. माना जाता है यह मंत्र को समझ लेने मात्र से आपको 4 वेदों का ज्ञान प्राप्त हो जाता है. वहीं, यह पढ़ लेने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस मंत्र का जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस मंत्र में सारे वेदों का आपको सार मिल जाएगा. गायत्री देवी को सभी वेदों की जन्मदात्री कहा जाता है. ऐसे में आइए समझते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव दीक्षित से इस मंत्र की क्या है महिमा...

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गायत्री मंत्र का क्या है महत्व - What is the importance of Gayatri Mantra

ज्योतिषाचार्य गौरव दीक्षित बताते हैं कि गायत्री मंत्र सनातन धर्म में बहुत ही शक्तिशाली और ताकतवर मंत्र माना जाता है. इस मंत्र का जाप करने से न केवल शारीरिक और मानसिक बल्कि आध्यात्मिक लाभ भी मिलता है. गायत्री मंत्र का जाप करने से हृदय गति नियंत्रित रहती है जिससे हृदय घात अर्थात हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है. किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में हमारे जीवन की समस्याओं पर काबू पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप बहुत ही लाभकारी माना गया है.

यह मंत्र कोई साधारण जप नहीं है, यह एक साधना है. जिसे दैनिक अभ्यास के रूप में करना चाहिए. जब आपके जीवन में उत्साह ऊर्जा की कमी हो एवं स्वास्थ्य साथ ना दे, इसके अलावा किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए आपको अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता हो तो आप गायत्री मंत्र का जाप नियमित प्रारंभ कर दीजिए. गायत्री मंत्र के जाप से पहले सूर्य नमस्कार करना चाहिए.

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गौरव दीक्षित बताते हैं कि गायत्री मंत्र का जाप अनुलोम विलोम के साथ भी करना विशेष लाभदायक होता है. इस मंत्र के जाप से जीवन में आप कोई भी इच्छा पूर्ण कर सकते हैं. धन स्वास्थ्य नौकरी, व्यापार एवं किसी भी समस्या से मुक्ति के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना लाभदायक सिद्ध होगा.

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ऋग्वेद में 61वें अध्याय में मां देवी को उषा कहा गया है अर्थात दिन का पहला उजाला. तीसरी स्कंध के 62वें अध्याय के दसवें श्लोक में गायत्री मंत्र का उल्लेख किया गया है. गायत्री मंत्र सभी वैदिक मंत्रों का बीज मंत्र माना गया है. किसी भी साधन से पूर्व किसी भी मंत्र का आवाहन तब तक नहीं किया जा सकता कि जब तक मां गायत्री का आहवान ना किया जा सके.

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 गायत्री मंत्र एक बार में परंपरागत रूप से कम से कम108 बार जपना चाहिए. इस मंत्र का जाप यदि आप पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ करते हैं तो यह आपके शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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