Shardiya Navaratri 2022 Garba: शारदीय नवरात्रि आरंभ होने के साथ ही पर्व-त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. हिंदू धर्म में नवरात्रि को मुख्य त्योहारों में के एक माना गया है. नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर 2022 से हो चुकी है, जिसका समापन 5 अक्टूबर को दशहरा के साथ होगी. इसके ठीक एक दिन पहले महानवमी मनाई जाएगी. नवरात्रि (Navratri 2022) में मां दुर्गा की पूजा के लिए जगह-जगह पंडाल लगाए जाते हैं. इसके साथ ही नवरात्रि में गरबा (Garba) भाी खेला जाता है जो कि नवरात्रि पर्व के उत्साह को और भी बढ़ाते हैं. नवरात्रि के दौरान गरबा (Garba in Navratri) खेलने की परंपरा काफी पुरानी है. इस दौरान यहां एक तरफ मां जगदंबा के जयकारें गूंजते हैं, वहीं दूसरी ओर गरबा और डांडिया की भी धूम नजर आती है. गुजरात में डांडिया खास अंदाज में मनाया जाता है. चलिए जानते हैं कि नवरात्रि में गरबा क्यों खेला जाता है (Garba kyon Khela jaya hai) और इसे मनाने की परंपरा कितनी पुरानी है.
कैसे शुरू हुआ हुआ गरबा | How did Garba start
गरबा, गुजरात का पारंपरिक लोग नृत्य है. गुजरात में नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक हर तरफ गरबा की धूम रहती है. गरबा को सौभग्य का प्रतीक माना जाता है. भक्त नवरात्रि के दौरान गरबा खेलकर मां दुर्गा को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. साथ ही मां दुर्गा से मानचाहे फल प्राप्ति की कामना करते हैं. नवरात्रि में गरबा और डांडिया खेलने की परंपरा काफी पुरानी है. गरबा की शुरुआत सबसे पहले गुजराज से हुई. इसके बार यह पारंपरिक नृत्य धीरे-धीरे काफी लोकप्रिय हो गया. बाद में राजस्थान सबित देश के अन्न हिस्सों में भी गरबा की शुरुआत हो गई.
Garba in Mumbai: मुंबई में धूमधाम से मनाया जा रहा है गरबा, देखें वीडियो
गरबा का मतलब क्या होता है | what does garba mean
गरबा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है- गर्भ दीप. पौराणिक मान्यता के अनुसार गर्भ दीप को स्त्री के गर्भ की सृजन शक्ति का प्रतीक है. इसे सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है. गर्भ दीप की स्थापना के साथ ही उसके पास मां महिलाएं रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर मां दुर्गा के समक्ष गरबा नृत्य करते हैं.
Diwali 2022: सुख-समृद्धि के लिए दिवाली में वास्तु अनुसार रखें दीये, घर में पधारेंगी मां लक्ष्मी!
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
हमारे यहां सभी धर्मों के लोगों का स्वागतः आयोजक