Gangaur 2024 date timing : चैत्र नवरात्रि पूरे देश में बहुत धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जा रहा है. हिंदू समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ है नौ रातें. त्योहार के प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक रूप की पूजा की जाती है. मां दुर्गा के नौ रूप हैं- मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री. नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा के अलावा गणगौर का पर्व भी मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणगौर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है. यह व्रत महिलाएं समृद्धि और पति की लंबी आयु की के लिए करती हैं.
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की इस विधि से करें पूजा, मंत्र से लेकर आरती जानें यहां
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाले इस पर्व को लेकर मान्यता है कि भगवान शिव ने माता पार्वती को और माता पार्वती ने संपूर्ण स्त्रियों को सौभाग्यवती होने का वरदान दिया था.
कैसे होती है गणगौर की पूजा
गणगौर के दिन किसी नदी या तालाब के किनारे रेत से माता गौरी की मूर्ति बनाई जाती है. पूजा करने के बाद अगले दिन मूर्ति का विसर्जन कर दिया जाता है. इस दिन व्रती महिलाएं उपवास रखती हैं और मां दुर्गा से सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगती हैं. इस पूजा में विवाहित और अविवाहित दोनों महिलाएं भाग लेती हैं. ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं पूरे दिन उपवास रखती हैं और केवल दूध पीती हैं, उनके वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती हैं. गणगौर व्रत की विशेषता यह है कि इसे पति से गुप्त रखकर रखा जाता है.
गणगौर का महत्व
इस दिन महिलाएं हल्दी और आटे से आभूषण बनाती हैं और देवी पार्वती को चढ़ाती हैं. इन आभूषणों को 'गुने' कहा जाता है. पूजा के बाद ये आभूषण महिलाएं अपनी सास या ननद को दे देती हैं. राजस्थान में गणगौर अठारह दिनों तक मनाया जाता है.
पूजा मुहूर्त
इस साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अप्रैल को शाम 05:32 मिनट से प्रारंभ होकर 11 अप्रैल को दोपहर 03:03 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार गणगौर की पूजा आज यानि गुरुवार 11 अप्रैल को होगी.
गणगौर पूजा शुभ योग
गणगौर पूजा के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं- रवि योग, प्रीति योग और आयुष्मान योग. रवि योग प्रात:काल में 06:00 बजे से अगले दिन 12 अप्रैल को मध्य रात्रि 01:38 तक है. वहीं, प्रीति योग सुबह 07:19 तक है और उसके बाद से आयुष्मान योग शुरू होगा, जो 12 अप्रैल को प्रात: 04:30 तक रहेगा.
Chaitra Navratri 2024 | कब कर सकते हैं चैत्र नवरात्रि की कलश स्थापना | NDTV India