Ganga Dussehra: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन मनाया जाता है. इस दिन पूरे श्रद्धाभाव से मां गंगा की आराधना की जाती है. मां गंगा को समर्पित इस दिन बड़ा मंगल (Bada Mangal) भी पड़ रहा है. बड़ा मंगल वह दिन है जिसमें बजरंगबली की खास पूजा-आराधना व पाठ किया जाता है. आने वाली 31 मई के दिन गंगा दशहरा और बड़ा मंगल मनाया जाएगा. जानिए दोनों दिनों से जुड़ी कुछ खास बातें और किस तरह करें बड़ा मंगल पर बजरंगबली (Bajrangbali) की पूजा व गंगा स्नान के शुभ मुहूर्त के बारे में.
गंगा दशहरा और बड़ा मंगल
माना जाता है कि गंगा दशहरा के दिन ही भोलेनाथ की जटाओं से निकलकर गंगा मां ने धरती पर अवतरण किया था. गंगा अवतरण के इस दिन को ही गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है. गंगा दशहरा के दिन इस बार साल का आखिरी बड़ा मंगल मनाया जा रहा है. मान्यतानुसार इस दिन उपवास और पूजा आदि करने पर भक्तों को दोगुना फल मिल सकता है. इसके अतिरिक्त दान कार्य भी इस दिन शुभ माना जाता है.
30 मई, मंगलवार के दिन सिद्ध योग में गंगा दशहरा मनाया जाएगा. इस दिन मां गंगा (Ganga Ma) के साथ-साथ भगवान शिव, सूर्य देव, ब्रह्म देव, हिमालय पर्वत और राजा भागीरथी की भी पूजा की जाती है. साथ ही, बड़ा मंगल होने के चलते इस दिन बजरंगबली की भी विशेष पूजा-आराधना की जाएगी.
गंगा दशहरा की दशमी तिथि की शुरूआत 29 मई की सुबह 11 बजकर 49 मिनट पर हो जाएगी और इसकी समाप्ति अगले दिन 1 बजकर 7 मिनट पर होगी, परंतु उदयातिथि के अनुसार गंगा दशहरा का स्नान 30 मई के दिन ही मान्य होगा और इसी दिन गंगा दशहरा मनाया जाएगा.
बड़ा मंगल की पूजा के लिए भक्त बजरंगबली का व्रत रखते हैं. सुबह सवेरे स्नान पश्चात पूजा की जाती है और शाम के समय हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-पाठ होता है. इस दिन बूंदी के लड्डू भोग में चढ़ाना और प्रसाद के रूप में वितरित करना शुभ माना जाता है. भक्त पूरे मनोभाव से हनुमान आरती और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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