Friday Puja: हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है. महालक्ष्मी या मां लक्ष्मी घर आती हैं तो उनके साथ सुख-समृद्धि और खुशहाली का भी आगमन हो जाता है. मां लक्ष्मी की पूजा (Ma Lakshmi Puja) यूं तो हफ्ते के किसी भी दिन कर सकते हैं लेकिन शुक्रवार के दिन को मां लक्ष्मी की पूजा के लिए अतिउत्तम माना जाता है. धार्मिक मान्यतानुसार सप्ताह का हर दिन किसी ना किसी देवी-देवता को समर्पित होता है, जैसे सोमवार भगवान शिव का कहा जाता है तो मंगलवार को बजरंगबली की पूजा होती है और इसी क्रम में शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है. कहते हैं जिन लोगों के घर में आर्थिक दिक्कतें (Financial Problems) चल रही हों वे मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं. शुक्रवार के दिन पूजा करके यदि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाए तो जीवन में धन-वृद्धि के योग बनते हैं.
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार की पूजा
आज साल 2024 का पहला शुक्रवार है. ऐसे में आज घर के मंदिर में मां लक्ष्मी की नई प्रतिमा स्थापित की जा सकती है. मां लक्ष्मी की नई प्रतिमा उनकी तस्वीर या मूर्ति हो सकती है.
मां लक्ष्मी की पूजा करते हुए उनके समक्ष फूलों की माला अर्पित की जा सकती है. यह माला कमल के फूलों की, गेंदे के फूलों की या फिर गुलाबी रंग के फूलों की भी हो सकती है. माला चढ़ाने के बाद मां लक्ष्मी (Ma Lakshmi) के समक्ष दीपक जला सकते हैं.
शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा भी की जा सकती है. इस दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करके जल चढ़ाना शुभ होता है.
कहते हैं मां लक्ष्मी उस घर में कदम रखती हैं जहां साफ-सफाई होती है. ऐसे में घर को गंदा ना रखें, झाड़ू को सीधा रखें और नकारात्मक चीजों को मंदिर से दूर रखें.
मान्यतानुसार मां लक्ष्मी उन लोगों से प्रसन्न होती हैं जो दूसरों की मदद करते हैं और जिनके मन में सौहार्द की भावना होती है. सिर्फ दिखावे के लिए नहीं बल्कि सचमुच किसी जरूरतमंद की मदद करें. यह कार्य आप हफ्ते के किसी भी दिन कर सकते हैं या इसके लिए शुक्रवार का दिन चुन सकते हैं.
मां लक्ष्मी का बीज मंत्रऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।
मां लक्ष्मी महामंत्रऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
आर्थिक दिक्कतें दूर करने के लिए मंत्रऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)