Fourth Mangala Gauri Vrat 2022: सावन मास में भक्तों की मनोकामना पूर्ति करने वाले कई व्रत-त्योहार पड़ते हैं. जिस प्रकार सावन का सोमवार भगवान शिव की उपासना के लिए खास होता है, उसी तरह से सावन मास का हर मंगलवार मां पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है. सावन मास के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत (Mangla Gauri Vrat) रखा जाता है. इस दिन विधि-विधान से मां पार्वती की पूजा की जाती है और मां पर्वती से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. इस साल अब तक सावन के 3 मंगलवार बीत चुके हैं. सावन का चौथा और आखिरी मंगलवार 9 अगस्त 2022 को यानी आज रखा जा रहा है. ऐसे में जानते हैं आज रखे जाने वाले मंगला गौरी व्रत के बारे में.
मंगला गौरी व्रत विधि | Mangla Gauri Vrat Vidhi
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगला गौरी व्रत के नियमों (Mangala Gauri Vrat NIyam) का पालन करना जरूरी होता है. ऐसे में इस दिन सुबह उठकर स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद साफ चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर मां गौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. मां गौरी के समक्ष व्रत का संकल्प लें. साथ ही आटे का बना हुआ दीपक जलाएं. फिर दूध, नैवेद्य फल-फूल से मां गौरी की पूजा करें. पूजन के बाद मां गौरी की आरती करें. मंगला गौरी व्रत में एक समय भोजन किया जा सकता है.
मंगला गौरी व्रत का महत्व | Mangla Gauri Vrat Singificance
धार्म शास्त्रों में मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) का खास महत्व बताया गया है. मान्यता है कि विधिपूर्वक मंगला गौरी व्रत करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है. मंगला गौरी व्रत रखने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है. इसके साथ ही यह व्रत संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली महिलाओं के लिए भी शुभ फलदायी होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिनके दांपत्य जीवन में समस्या बनी रहता है, उन्हें मंगला गौरी का व्रत रखना चाहिए. माना जाता है कि मंगला गौरी व्रत से दांपत्य जीवन का कलह-क्लेश खत्म हो जाता है.
Pradosh Vrat 2022: सावन का दूसरा और आखिरी प्रदोष व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)