Lesson From Lord Krishna: भगवान श्रीगणेश (Sri ganesh) प्रथम पूज्य माने जाते हैं. किसी भी नए काम की शुरुआत उनका ही नाम लेकर किया जाता है. पार्वती जी और भगवान शिव के पुत्र श्री गणेश प्रथम पूज्य भी इसलिए ही हैं, क्योंकि उन्हें सबसे श्रेष्ठ माना गया है. श्रेष्ठता की वजह है, भगवान श्रीगणेश के जिंदगी का तरीका और उनका दिया ज्ञान. भगवान गणेश और कार्तिकेय में जब एक बार पूरी पृथ्वी की परिक्रमा करने की प्रतियोगिता हुई तो कार्तिकेय अपना विमान लेकर पृथ्वी को मापने निकल गए लेकिन भगवान गणेश ने अपनी मां पार्वती और पिता शिवजी की परिक्रमा की. माता पिता को लेकर उनके समर्पण को आप जिंदगी की सीख मान सकते हैं, ऐसी ही कई सीख (lesson from Lord Ganesha) श्रीगणेश से ली जा सकती हैं, जो आपके जीवन जीने का नजरिया बदल सकते हैं और जीवन को खुशियों से भर सकते हैं.
माफ करने की सीख
श्रीगणेश इस बात की सीख देते हैं कि किसी को माफ कर आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं. चंद्रमा से नाराज होकर एक बार गणेश जी ने चंद्रमा को आसमान से गायब होने का श्राप दे दिया था, लेकिन बाद में जब चंद्रमा ने माफी मांगी तो उन्होंने अपने श्राप को कम कर दिया.
आपका कर्तव्य है सबसे ऊपर
श्रीगणेश को जब माता पार्वती ने अपने द्वार पर रखवाली के लिए खड़ा किया तो मां ने कहा कि वह किसी को अंदर आने न दें. अपने इस कर्तव्य और मां की आज्ञा को मानते हुए भगवान गणेश ने शिवजी को भी अंदर आने से रोक दिया और फिर उनसे युद्ध करने को भी तैयार हो गए.
स्वाभिमान की करें रक्षा
हर इंसान को अपने स्वाभिमान की रक्षा करनी चाहिए. भगवान गणेश अपने स्वाभिमान के लिए खड़े रखने की सीख भी देते हैं.
किसी काम को न छोड़े अधूरा
मान्यताओं के अनुसार, जब श्रीगणेश महाकाव्य लिख रहे थे तो उनकी कलम टूट गई. इसके बाद गणेश जी ने अपने एक दंत यानी दांत को तोड़ कर उसकी कलम बनाली और अपना काम पूरा किया.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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