Eid 2021 Date: ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है. ईद को ईद-उल फित्र भी कहते हैं. ईद का त्योहार रमज़ान के महीने में (29 या 30) रोज़े रखने के बाद मनाया जाता है. मुस्लिम समुदाय के लोग ईद के त्योहार का जश्न पूरे 3 दिनों तक मनाते हैं. ईद के दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं. ईद के दिन की शुरुआत ईद की नमाज के साथ होती है. इसके बाद सब एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं. एक दूसरे के घर जाते हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों में मिठाइयां और तोहफे बांटते हैं. सभी बड़े इस दिन अपने छोटों को तोहफे के रूप में ईदी देते हैं.
हालांकि, पिछले साल की तरह इस बार भी ईद का त्योहार कोरोनावायरस महामारी के बीच पड़ रहा है. ऐसे में लोगों को ईदगाह या मस्जिद में ईद की नमाज़ अदा करने की इजाज़त नहीं होगी. शाही इमामों ने भी इस बार लोगों से ईद की नमाज घरों में ही अदा करने की अपील की है. इसके अलावा लॉकडाउन के चलते लोग एक दूसरे के घर भी नहीं जा पाएंगे, यानी इस साल भी लोगों को घर में रह कर परिवार के साथ सादगी से ईद का त्योहार मनाना होगा.
कब मनाया जाएगा ईद का त्योहार?
रमजान के पाक महीने में रोज़े रखने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है. हालांकि, ईद 29 या फिर 30 रोज़े रखने के बाद मनाई जाएगी, ये पूरी तरह से चांद पर निर्भर होता है. अगर 12 मई को 29वें रोज़े के दिन चांद दिखाई दिया तो ईद का त्योहार 13 मई 2021 को मनाया जाएगा. वहीं अगर 13 मई को 30वें रोज़े के दिन चांद दिखा तो ईद को त्योहार 14 मई 2021 को मनाया जाएगा.
ईद के दिन घरों में बनते हैं शाही पकवान
ईद-उल-फित्र को मीठी ईद भी कहा जाता है. इस दिन सभी मुसलमान लोगों के घरों में शाही पकवान बनते हैं. अलग-अलग देशों में अलग-अलग पकवान बनाने का चलन है. भारत में ईद पर सभी मुस्लिम घरों में सेवइयां बनाई जाती हैं. सेवइयां ईद की सबसे अहम और स्पेशल डिश होती है और इसके बिना यह त्योहार अधूरा होता है. इसके अलावा भी अलग-अलग घरों में अलग-अलग पकवान बनाए जाते हैं.
ईद से पहले जकात और फितरा देने का महत्व
ईद की नमाज से पहले सभी मुसलमानों पर फर्ज है कि वे अपनी हैसियत के हिसाब से जरूरतमंदों को दान दें. रमजान के महीने में ये दान दो रूप में दिया जाता है, फितरा और जकात. रमजान के महीने में ईद से पहले फितरा और जकात देना हर हैसियतमंद मुसलमान पर फर्ज (जरूरी) होता है. दरअसल, इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, अल्लाह ने ईद का त्योहार गरीब और अमीर सभी के लिए बनाया है. गरीबी की वजह से लोगों की खुशी में कमी ना आए इसलिए अल्लाह ने हर संपन्न मुसलमान पर जकात और फितरा देना फर्ज कर दिया है. हालांकि, लोग अपनी हैसियत के हिसाब से कम या ज्यादा दान गरीबों में दे सकते हैं. ताकि, ईद का त्योहार सभी लोग खुशी से मना सकें.