Dussehra 2021: आज है बुराई पर व‍िजय का पर्व दशहरा, जानिए नवरात्रि के बाद क्यों मनाई जाती है विजयादशमी

Dussehra Date Shubh Muhurat: आज देशभर में दशहरे यानी व‍िजयदशमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन को असत्‍य पर सत्‍य की जीत, अधर्म पर धर्म की विजय का दिन माना जाता है. जानिए विजयादशमी का महत्व व मंत्र

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Dussehra 2021: आज है दशहरा, जानें विजयादशमी का महत्व
नई दिल्ली:

Dussehra 2021 Date Shubh Muhurat: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को आज पूरे देश में दशहरा धूमधाम से मनाया जा रहा है. सत्य की असत्य पर जीत के इस पर्व को विजयादशमी भी कहते हैं. इतना ही नहीं ये पर्व वर्षा ऋतु की समाप्ति व शरद के प्रारंभ होने की सूचना भी देता है. इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी. मान्यता ये भी है कि मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का इसी दिन वध किया था. दशहरा के दिन शस्त्र पूजन करने की भी परंपरा है. जानिए विजयादशमी का महत्व व मंत्र

नवरात्रि के दसवें द‍िन इसलिए मनाते हैं व‍िजयदशमी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महिषासुर नामक एक राक्षस था जिसे ब्रह्मा से आशीर्वाद मिला था कि पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति उसे नहीं मार सकता है. इस आशीर्वाद के कारण उसने तीनों लोक में हाहाकार मचा रखा था. इसके बढ़ते पापों को रोकने के लिए ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने अपनी शक्ति को मिलाकर मां दुर्गा का सृजन किया. मां दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर का मुकाबला किया और दसवे दिन मां दुर्गा ने इस असुर का वध कर किया, जिसके फलस्वरूप लोगों को इस राक्षस से मुक्ति मिल गई और चारों तरफ हर्ष का मौहाल हो गाया, क्योंकि मां दुर्गा को दसवें दिन विजय प्राप्त हुई थी इस कारण इस दिन को दशहरा या विजयादशमी के रूप में मनाया जाने लगा.

दशहरा का महत्व

भगवान श्रीराम ने मां सीता का हरण करने वाले लंका के राजा रावण का वध आश्विन शुक्ल दशमी को किया था. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भीषण युद्ध के बाद दशमी को रावण का वध हुआ और श्रीराम ने लंका विजय प्राप्त की, इसलिए इस दिन को विजयादशमी या दशहरा के रुप में मनाया जाता है. वहीं, मां दुर्गा ने महिषासुर के साथ 10 दिनों तक भीषण संग्राम किया और आश्विन शुक्ल दशमी को उसका वध कर दिया. इस वजह से भी उस दिन को विजयादशमी के रुप में मनाया जाने लगा. ये दोनों ही घटनाएं बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक हैं.

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गायत्री मंत्र का 108 बार करें जप

विजयादशमी यानि दशहरा के दिन गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करना शुरू करते हैं, तो बुद्धि-शुद्धि एवं निर्मल होगी. इससे मनुष्‍य का ह्रदय बल एवं आत्मबल भी बढ़ता है और उसे सभी समष्‍याओं का सामना करने का सामर्थ्‍य मिलता है.

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दशहरे को लेकर ये कथा भी है प्रचलित

एक कथानुसार जब भगवान श्रीराम ने लंका की चढ़ाई के लिए अपनी यात्रा का श्रीगणेश किया तो शमी वृक्ष ने उनके विजयी होने की घोषणा की थी.

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क्यों कहते हैं दशहरा को विजयादशमी

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को दशहरे का पर्व मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था, इसलिए इस दिन को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है.

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दशहरा पर जरूर करें ये काम

इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था, इसलिए भी इसे विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है. विजय दशमी के दिन अपने अस्त्र-शस्त्र की साफ-सफाई कर उसका निरीक्षण करें. इन अस्त्र-शस्त्रों का पूजन भी करें.

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