Diwali 2023: दिवाली के दिन धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा का बहुत महत्व है. इस वर्ष 12 नवंबर रविवार को दिवाली मनाई जाएगी. मान्यता है कि दिवाली के दिन सच्चे मन से देवी लक्ष्मी और बुद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा (Laxmi-Ganesh Puja) से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. दिवाली की पूजा पूरे विधि-विधान से करनी चाहिए और पूजा के लिए सभी जरूरी सामग्री (Puja Samagri) मौजूद रहनी चाहिए. इस बार दिवाली की पूजा के नोट कर लें पूजा की पूरी सामग्री.
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दिवाली की पूजा के लिए सामग्री | Diwali Puja Samagri List
- देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) और भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना के लिए लकड़ी की चौकी
- चौकी को ढकने के लिए लाल या पीले रंग का नया वस्त्र
- देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश (Lord Ganesha) की मूर्तियां या तस्वीर
- चंदन, हल्दी, रोली, अक्षत, कुमकुम, पान और सुपारी
- नारियल, अगरबत्ती, दिया जलाने के लिए घी
- पीतल या मिट्टी का दिये, रूई की बत्ती
- पंचामृत,गंगाजल, फूल, फल
- कलश या लोटा, जल, आम के पत्ते, कपूर, कलावा
- साबुत गेहूं के दाने, धनिया के बीज, दूर्वा घास, जनेऊ, धूप
- एक छोटी झाड़ू
दिवाली के दिन घर की सफाई के बाद हर कोने में गंगाजल छिड़ककर घर को पवित्र करें. पूजा की चौकी पर लाल या पीले रंग का नया वस्त्र बिछाएं और बीच में साबुत गेहूं रख दें. कलश या लोटे को अनाज के बीच में रखें. कलश में पानी, एक सुपारी, फूल, सिक्का और अक्षत डालें. कलश पर आम के पांच पत्ते रखकर उस पर नारियल को रख दें. कलश के बाईं ओर मां लक्ष्मी और दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें.
एक थाली में चावल रखें और हल्दी से कमल का फूल (Lotus Flower) बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रख दें. मूर्ति के सामने अपने काम से संबंधित कोई चीज या आभूषण रखें. देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करके दीया जलाएं और कलश पर भी तिलक लगाएं. भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं. पूजा के लिए अपने हाथ में फूल रखें. आंखें बंद करें और मंत्र का पाठ करें, फूल को भगवान गणेश और लक्ष्मी जी को चढ़ा दें. मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल डालें. देवी को पुष्पहार पहनाकर अगरबत्ती जलाएं. माता को नारियल, सुपारी, पान का पत्ता अर्पित करें और मूर्ति के सामने फूल और सिक्के रखें. थाली में दिया जलाकर घंटी बजाएं और मां लक्ष्मी की आरती करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)