Diwali Puja 2022 Important Things, Puja Vidhi: दिलावी आज यानी 24 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जा रही है. ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से भी इस बार कि दीवाली खास मानी जा रही है. दरअसल दीवाली के दिन चंद्रमा, बुध के साथ कन्या राशि में विराजमान रहेंगे. इसके अलावा सूर्य देव और शुक्र तुला राशि में रहेंगे. दीवाली के मुहूर्त के बारे में शास्त्रों में जिक्र है कि जिस दिन प्रदोष काल और मध्य रात्रि में अमावस्या तिथि हो उसी दिन दीवाली का पूजन करना उचित है. इस साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से शुरू हो रही है. ऐसे में जो गृहस्थ हैं वे 24 तारीख को दीवाली की पूजा प्रदोष काल में करेंगे. इस दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 43 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट तक है. आइए जानते हैं कि दीवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा करते समय किन 10 बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
दीवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा के लिए 10 जरूरी बातें | 10 important things to worship Maa Lakshmi on Diwali
दीवाली के दिन सर्वप्रथम एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर मां लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति स्थापित करें. मूर्ति का मुख पूरब या पश्चिम में होना जरूरी है. इसके साथ ही मां लक्ष्मी को भगवान गणेश के दाहिनी ओर रखें.
जो लोग मां लक्ष्मी और गणेश की पूज करेंगे वे मूर्तियों की सामने की तरफ बैठें.
एक कलश को मां लक्ष्मी की प्रतिमा के पास अक्षत के ऊपर रखें. कलश के ऊपर एक नारियल को लाल वस्त्र से इस प्रकार लपेटकर रखें ताकि नारियल का आगे वाला हिस्सा दिखाई ना दे.
Diwali 2022: दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा की पूजा के लिए जरूरी हैं या चीजें, आज ही कर लें नोट
कलश को वरुण देवता का प्रतीक माना गया है. ऐसे में उससे पास दो बड़े दीपक रखें. उनमें से एक घी का और दूसरा तेल का दीपक हो. एक दीपक पूजा चौकी की दाईं ओर रखें. इसके साथ ही दूसरा दीपक मां लक्ष्मी के चरणों के पास रखें.
मूर्ति वाली चौकी के सामने एक छोटी चौक रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं और उस पर एक मुठ्ठी चावल से नवग्रह का प्रतीक बनाएं.
गणेश की प्रतिमा की ओर अक्षत से 16 प्रतीक बनाएं. जिसे षोडष मातृका का प्रतीक माना जाता है. इसके साथ ही नवग्रह और षोडष मातृका के बीच स्वास्तिक का चिह्न बनाएं.
Diwali 2022 Lucky Zodiac: दिवाली से शुरू होगी इन राशियों पर मां लक्ष्मी की कृपा, चेक करें अपनी राशि
स्वस्तिक के बीच में सुपारी रखें. इसके साथ ही छोटी चौकी के सामने तीन थाली और जल भरकर रखें.
थाली में पूजा के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री- 11 दीपक, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चंदन का लेप, सिंदूर, कुमकुम, सुपारी, पान के पत्ते, पान, फूल, दूर्वा, अक्षत, लौंग, इलायची, केसर, कपूर, हल्दी, सुगंधित द्रव्य इत्यादि.
इसके बाद पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करें.
पूजन के बाद परे घर में कपूर और धूप दिखाएं और मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
दीवाली से पहले बाजारों में बढ़ी रौनक, रोजाना खरीदारों की लग रही भीड़