Dhanu Sankranti 2023: सूर्य 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करेंगे इसे धनु संक्राति (Dhanu sanktranti) भी कहा जाता है. इस राशि में सूर्य एक माह यानी 15 जनवरी तक रहेंगे. इस समय को खरमास (Kharmas) भी कहा जाता है. पूरे वर्ष में सूर्य 12 राशियों का चक्कर लगाते हैं और इसे संक्राति (Sanktranti ) कहा जाता है. हर राशि में सूर्य लगभग माह भर रुकते हैं. सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को संक्राति कहते हैं और यह सूर्य की अराधना का दिन होता है. आइए जानते हैं संक्राति से जुड़ी खास बातें.
ग्रहों का राजा
ज्योतिष में सूर्य को नौ ग्रहों का राजा माना गया है. सूर्य राशियों में सिंह राशि के स्वामी हैं. शनि, यमराज और यमुना सूय की संतानें हैं. पुत्र होने के बावजूद शनि सूर्य को शत्रु मानता है.
संक्राति पर सूर्य पूजन
संक्राति के अवसर पर सुबह सूर्य पूजन का बहुत महत्व है. इसके लिए तांबे के पात्र में जल, कुमकुम, अक्षत, लाल फूल डालकर सूर्य देव को जल अर्पण करना चाहिए और ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए.
संक्राति पर दान
हर संक्राति पर दान का बहुत महत्व होता है. खासकर धनु संक्राति पर दान का ज्यादा महत्व है. इस दिन जरूरतमंद को अनाज, पैसे, जूते चप्पल और सुगाहिनों को चूड़ी या बिंदी जैसी चीजे दान करनी चाहिए.
संक्राति पर स्नान
हर संक्राति पर नदी स्नसन का बहुत महत्व है. इस दिन अगर नदी स्नान संभव नहीं हो तो घर में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. स्नान के समय पवित्र नदियों का नाम लेना चाहिए.
खरमास शुरू
सूर्य के धनु राशि में प्रवेरा करने के साथ खरमास शुरू हो जाएगा. इस समय शुभ कार्य वर्जित होते हैं. 15 जनवरी को खरमास की समाप्ति के बाद फिर शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)