धनतेरस पर क्यों जलाया जाता है यम नाम का दीपक, यहां जानें महत्व और पूजा विधि

Dhanteras significance : मान्यता है इस दिन यम नाम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु घर परिवार में नहीं होती है और आरोग्यता का वरदान भी मिलता है.

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Dhanteras significance 2024 : 'कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे. यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनिश्यति'.

Dhanteras 2024 : आज धनतेरस का पर्व है. इस दिन देवी लक्ष्मी, गणेशजी, कुबेर देवता, धन्वंतरि देव के साथ यमराज की पूजा का भी विशेष महत्व है. इस दिन घर के मुख्य द्वार पर चौमुखी दीपक जलाया जाता है. इसके अलावा मान्यता अनुसार धनतेरस के दिन सरसों के तेल में रूई की बाती डालकर दक्षिण दिशा में दिया जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं. मान्यता है इस दिन यम नाम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु घर परिवार में नहीं होती है और आरोग्यता का वरदान भी मिलता है. ऐसे में आइए जानते हैं दीया जलाने की विधि और महत्व.

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यम को दीपक कैसे जलाएं

इस दिन आप आटे का चौमुखी दीपक बनाएं फिर सरसों के तेल से दीए को अच्छे से भर दीजिए. अब दीपक को दक्षिण दिशा में जलाएं. इस दिन प्रदोष काल में दीपक जलाते हैं, तो बहुत फलदायी होगा. इस दिन 5 बजकर 38 मिनट से लेकर 8 बजकर 13 मिनट तक प्रदोष काल मुहूर्त है. वहीं, पूजा का मुहूर्त 6 बजकर 30 मिनट से लेकर 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.

यम को दीपक जलाने का महत्व

स्कंदपुराण में भी धनतेरस को लेकर एक श्लोक का वर्णन किया गया है. जो इस प्रकार है- 'कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे. यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनिश्यति'. इस श्लोक का मतलब होता है कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन शाम के समय घर के बाहर यमदेव के नाम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता. यमराज के लिए दीपक जलाने से मृत्यु का नाश होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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