माघी पूर्णिमा पर प्रयागराज के संगम तट पर उमड़ा जनसैलाब, 2.15 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

माघ मास की पूर्णिमा को धर्म ग्रंथ में माघी पूर्णिमा कहा गया है. इस दिन गंगा स्नान करके भगवान श्री हरि विष्णु की विधि-विधान से पूजा और व्रत करने व इसके पश्चात पितरों का श्राद्ध करने का विधान है. संगम नगरी प्रयागराज में माघी पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को सुबह 9 बजे तक लगभग 2.15 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया.

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प्रयागराज में माघी पूर्णिमा पर 2.15 लाख लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई
नई दिल्ली:

संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे माघ मेले के पांचवें स्नान पर्व माघी पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को सुबह 9 बजे तक लगभग 2.15 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया. इस मौके पर प्रयागराज मेला प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि, भोर से ही श्रद्धालुओं का संगम क्षेत्र में आना जारी रहा. सुबह 9 बजे तक करीब 2.15 लाख लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई, जिसमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल रहीं.

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माघी पूर्णिमा स्नान के साथ कल्पवासियों का एक माह का कल्पवास आज बुधवार को पूरा हो गया और उन्होंने मेला क्षेत्र से अपने घरों के लिए प्रस्थान शुरू कर दिया है. माघी पूर्णिमा का मुहूर्त रात्रि 10:25 बजे तक है और देर शाम तक लोगों के गंगा स्नान करने की संभावना है.

माघ मेला क्षेत्र में शिविर चला रहे पंडित प्रभात पांडेय ने बताया कि, माघ मास की पूर्णिमा को धर्म ग्रंथ में माघी पूर्णिमा कहा गया है और इस दिन गंगा स्नान करके भगवान श्री हरि विष्णु की विधि-विधान से पूजा और व्रत करने व इसके पश्चात पितरों का श्राद्ध करने का विधान है.

जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि, माघ मेले के अंतिम स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर माघ मेला क्षेत्र में पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि लगभग पांच हजार पुलिसकर्मियों को यहां तैनात किया गया है, वहीं 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.

उन्होंने बताया कि आग के खतरों से निपटने के लिए दमकल की कई गाड़ियां तैनात की गई हैं, वहीं लोगों को पानी में डूबने से बचाने के लिए 108 गोताखोरों की टीम लगाई गई है. उन्होंने बताया कि 'इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर' से भीड़ पर नजर रखी जा रही है.

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पुलिस अधीक्षक (माघ मेला) राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि, माघ मास समाप्त होने के बाद कल्पवासियों की सुगम और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए 15 फरवरी की रात्रि 12 बजे से 17 फरवरी को रात्रि 10 बजे तक संगम क्षेत्र में प्रशासनिक व एंबुलेंस को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित किया गया है.

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