Hindu mantras to make your aura strong : हिन्दू धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व होता है. चाहे किसी नए काम की शुरुआत हो या फिर, शादी, विवाह, मुंडन, पूजा, जनेऊ संस्कार बिना मंत्रों के पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है. आपको बता दें कि हिन्दू धर्म शास्त्रों में हर अवसर के लिए अलग-अलग मंत्र अंकित किए गए हैं. मंत्रों का जाप न सिर्फ आपको ईश्वर के साथ जोड़ता है, बल्कि इससे मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक लाभ भी मिलते हैं, जिसमें तनाव में कमी, बेहतर ध्यान, मूड और शांति की भावना शामिल है. यही कारण है आधुनिक युग में भी मंत्रों और श्लोकों का महत्व बना हुआ है. ऐसे में आज हम आपको यहां पर 12 ऐसे मंत्र बताने जा रहे हैं, जिसे आप रोज जपना शुरू कर देते हैं, तो यह आपके मन को शांत करेगा जिससे जीवन में सकारात्मकता बनी रहेगी.
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कौन से मंत्र का रोज करें जाप
प्रात: काल मंत्र“कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती, करमूले तु गोविंदः प्रभाते करदर्शनम्”
धरती प्रणाम मंत्र“समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमंडले, विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्व मे”
सूर्य प्रणाम मंत्र“आदि देव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोअस्तुते।।”
रोग नाशक मंत्र
“अच्युतानन्त गोविन्द नामोच्चारण भेषजात् |
नश्यन्ति सकल रोगः सत्यं सत्यं वदाम्यहम् ||”
“ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥”
“ॐ आपदामहरतारम् दातारम् सर्वसम्पदाम्
लोकाभिरामम् श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्
लिप्यंतरण:
ॐ अपादं-पहर्तारं दातारुम्
सर्व सम्पदाम्
लोकाभिरामं श्रीरामं
भूयो भूयो नामाम्यहम्”
भोजन मंत्र“ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै। तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥"
"अन्नं ब्रह्मा रसं विष्णुं भोक्ता देवो जनार्दनम्। एवं ध्यात्वा तथा ज्ञात्वा अन्न दोषो न लिप्यते।”
दीप मंत्र“शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा । शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योति नमोऽस्तुते ॥ दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।”
महामंत्र“ऊँ भूर्भुवः स्व तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् !”
बाधा नाशक मंत्र“ॐ सर्वबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन, भविष्यति न संशयः॥”
विधा प्राप्ति मंत्र“ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः" और "या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥”
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)