गोवर्धन पूजा में गोबर से बनाए जाते हैं भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत, जानिए इसके पीछे की मान्यता

गोवर्धन पूजा में गोबर से भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाने की परंपरा है. इस दिन गोबर से तैयार भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की विधि विधान से पूजा की जाती है.

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गोवर्धन पूजा में गोबर से बनाए जाते हैं भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत, जानिए इसके पीछे की मान्यता
गवान श्रीकृष्ण को गायों से अत्यंत प्रेम था इसलिए उन्हें गोपाल भी कहा जाता है.

Which Dung is used in Govardhan Puja: हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja ) का पर्व मनाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna)  और प्रकृति के रूप में गोवर्धन पर्वत की पूजा का यह पर्व इस बार 2 नवंबर शनिवार को मनाया जाएगा. गोवर्धन पूजा में गोबर से भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाने की परंपरा है. इस दिन गोबर से तैयार भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की विधि विधान से पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस पूजा से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है और हम प्रकृति की ओर से प्रदान किए गए सभी चीजों के लिए आभार का मानते हैं. पूजा के लिए कुछ लोग जहां गाय के गोबर का उपयोग करते हैं वहीं कुछ लोग भैंस के गोबर (Cow or Buffalo dung) से प्रभु और पर्वत का चित्र बनाते हैं. आइए जानते हैं धर्म के जानकारों के अनुसार हमें किस तरह के गोबर का उपयोग करना चाहिए….  

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गोवर्धन पूजा में करना चाहिए किसके गोबर का उपयोग

हिंदू धर्म में गाय को पवित्र और माता का दर्जा दिया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण को गायों से अत्यंत प्रेम था इसलिए उन्हें गोपाल भी कहा जाता है. बाल रूप में भगवान श्रीकृष्ण गायों को चराने ले जाया करते थे. गाय भगवान श्रीकृष्ण के साथ साथ सभी देवी देवताओं को प्रिय होती है और गाय के दूध को अमृत माना जाता है. धर्म के जानकारों के अनुसार गाेवर्धन पूजा में भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाने के लिए गाय के गोबर का उपयोग ही उचित होता है.

प्राप्त होती है भगवान श्रीकृष्ण की कृपा

मान्यता है कि गोवर्धन पूजा में गाय के गोबर से भगवान और पर्वत का चित्र बनाकर उसकी विधि विधान से पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण की असीम कृपा प्राप्त होती है. इससे जीवन के सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है. घर में नकारात्मकता दूर होती है और सकारत्मकता बढ़ती है.

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भूलकर भी न करें भैंस के गोबर का उपयोग

गोवर्धन पूजा में पूजा के लिए चित्र बनाने के लिए भूलकर भी भैंस के गोबर का उपयोग नहीं करना चाहिए. भैंसा यमराज का वाहन होता है और भैंस के गोबर का उपयोग करने से अकाल मृत्यु का योग बनने का खतरा होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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