Chhath Puja 2022 Day 4 Sunrise Time: सुबह कितने बजे दिया जाएगा उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य, यहां जानिए छठ पूजा का सूर्योदय समय

chhath puja 2022 Day 4 morning arghya, sunrise time: छठ पूजा के अंतिम दिन या चौथे दिन को उषा अर्घ्य या पारण के रूप में जाना जाता है. इस दिन, भक्त छठ महापर्व के 36 घंटे के कठिन उपवास को तोड़ते हैं. इस लेख में उषा अर्घ्य के बारे में तिथि, सूर्योदय का समय, अनुष्ठान और अधिक जानकारी प्राप्त करें.

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Chhath Puja 2022 Day 4 Sunrise Time: 31 अक्टूबर को सूर्योदय सुबह 6.44 बजे है.

chhath puja 2022 Day 4 morning arghya: छठ पूजा समारोह वर्तमान में पूरे देश में चल रहा है, खासकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों में. चार दिवसीय त्योहार सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है. जो कि 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ. इसके बाद 29 अक्टूबर को खरना पूजा संपन्न हुआ. आज, 30 अक्टूबर, भक्त 36 घंटे के कठिन उपवास का पालन करके छठ महापर्व पर डूबते हुए सूर्य देव अर्घ्य दिया गया. छठ पर्व अगले दिन यानी 31 अक्टूबर को अगले दिन के सूर्योदय तक जारी रहेगा.

छठ पूजा के बाद, उषा अर्घ्य, जिसे आमतौर पर पारण के रूप में जानते हैं, 31 अक्टूबर, सोमवार को प्रातः अर्घ्य दिया जाएगा. जब भक्त कठिन छठ व्रत को समाप्त करते हैं तो उसे पारण कहते हैं. इस अनुष्ठान का पालन ज्यादातर महिलाएं करती हैं जो अपने परिवार और बच्चों की भलाई और समृद्धि के लिए सूर्य देव और छठी मैया से प्रार्थना करती हैं. उषा अर्घ्य या पारण दिन के बारे में सब कुछ आगे जानते हैं. 

छठ पूजा 2022 उषा अर्घ्य या पारण दिन तिथि | chhath puja 2022 Day 4 morning arghya Date and Time


द्रिक पंचांग के अनुसार, उषा अर्घ्य या पारण दिन, जो छठ पर्व का चौथा दिन है, इस वर्ष 31 अक्टूबर, सोमवार को पड़ रहा है. छठ पूजा 2022 उषा अर्घ्य सूर्योदय और सूर्यास्त का समय कुछ इस प्रकार है. द्रिक पंचांग के अनुसार, उषा अर्घ्य या पारण दिवस के सूर्योदय और सूर्यास्त का समय इस प्रकार है.

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सूर्योदय: 06:44 एएम : Sunrise Time Taday 31 October 2022

सूर्यास्त: 06:02 पीएम : Sunset Time Today 31 October 2022

छठ पूजा 2022 उषा अर्घ्य, उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य

छठ के 36 घंटे लंबे उपवास को त्योहार का सबसे कठिन व्रत कहा जाता है और यह केवल उषा अर्घ्य (उगते हुए सूर्य को अर्घ्य) के बाद पूरा होता है, जो कि शुभ त्योहार का चौथा दिन है. छठ के अंतिम दिन, जिसे पारण दिन भी कहा जाता है, भक्त उगते सूरज को उषा अर्घ्य देते हैं. इससे पहले छठ व्रती नदी, तालाब या किसी निकाय में खड़े होकर सूर्योदय तक उपापना करती है. जब सूर्य उदय होता है तो व्रती दीनानाथ को अर्घ्य प्रदान करते हैं. इसके बाद भक्त अपना उपवास समाप्त करते हैं और प्रसाद बांटते हैं.

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पारण का अर्थ है व्रत तोड़ने की रस्म. हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, पारण का समय सबसे शुभ और पवित्र समय माना जाता है, जब भक्त छठ पूजा के अंतिम अनुष्ठान के बाद अपना उपवास तोड़ते हैं और भगवान सूर्य और छैथी मैया को भोग प्रसाद और फल चढ़ाते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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